रांची के जामिया नगर निवासी तौसिफ अहमद ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में 22 मार्च को हुए आतंकी हमले के दौरान मौत को बेहद करीब से देखा। ब्रसेल्स के जेवेनटेम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जब विस्फोट हुआ तौसिफ वहीं मौजूद थे। वह गुडग़ांव की एक कंपनी में ग्रुप मैनेजर हैं और ऑफिस के काम से न्यूयॉर्क उसके बाद कनाडा के एम्सटर्डम की यात्रा के बाद न्यूयॉर्क होते हुए वापसी इंडिया की यात्रा में ब्रसेल्स पहुंचे थे। तीन दिनों तक वहीं फंसे रहने के दौरान उन्होंने अपनी आंखों से मौत और दहशत का जो मंजर देखा उसे आई नेक्स्ट के साथ शेयर किया। आइए सुनें आतंक दहशत और भय की पूरी दास्तां उन्हीं की जुबानी...।


दहशत के वो चार घंटेमैं गुडग़ांव की एक कंपनी में ग्रुप मैनेजर हूं। ऑफिस के काम से फॉरेन आना-जाना लगा रहता है। इस बार भी ऑफिस के काम से न्यूयॉर्क गया था। वहां से अपनी बहन, जो कनाडा के एम्सटर्डम में रहती हैं, से मिलने के बाद न्यूयॉर्क होते हुए मुझे इंडिया लौटना था।  22 मार्च की सुबह 7.45 बजे ब्रसेल्स के जेवेनटेम एयरपोर्ट पर पहुंचा। वहां चेकइन के बाद गेट नंबर-17 पर डिपार्चर की तैयारी में लगा। करीब 8 बज रहे होंगे। अचानक एक तेज धमाके की आवाज सुनाई पड़ी। कुछ समझ पाता, इसके पहले चीख-पुकार मच गई।  जैसे जंग का मैदान बन गया एयरपोर्ट
ऐसा लग रहा था जैसे पल भर में पूरा एयरपोर्ट किसी जंग के बाद मैदान में तब्दील हो गया हो। करीब आधे घंटे हम जहां के तहां कोने में खड़े-खड़े अपनी खैरियत के लिए ऊपरवाले का नाम लेते रहे थे। खैर, थोड़े वक्त बाद वहां से हम सभी लोगों को वेयर हाउस ले जाया गया। हमारे पास जो बैग्स या सामान थे, जमा करा लिए गए। उस समय वहां पर बहुत ज्यादा ठंड भी थी। कुछ समझ में नहीं आ रहा था। लग रहा था पता नहीं क्या होगा। वहां कुछ घंटे रुकने के बाद हमें एक स्टेडियम में ले जाया गया। हमारा किसी से संपर्क भी नहीं हो रहा था। हर पल भारी गुजर रहा था। उसी समय सिक्योरिटी के जरिए पता चला कि कुछ अन्य जगहों पर भी बम ब्लास्ट हुए हैं।करीब से महसूस किया मौत कोअल्ला का रहमो-करम है कि मैं इस हादसे का शिकार होने से बच गया। बम ब्लास्ट और हमारे बीच कुछ मिनट का ही फासला था। एयरपोर्ट पर बम ब्लास्ट इतना खतरनाक हुआ था कि उसके छज्जे जगह-जगह से उड़ गए। वहां मौजूद सभी लोग बदहवास थे। किसी को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन शुक्र है कि मैं अपने वतन सकुशल लौट आया हूं। रांची में माता-पिता का हुआ बुरा हालबड़ी मुश्किल से गुजरे हैं वो पल


ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर हमले के बाद सैयद तौसीफ अहमद के रांची में रह रहे वालिद तनवीर अहमद व वालिदा सोफिया अहमद का बेटे की चिंता में बुरा हाल हो गया था। उन्होंने बताया कि 22 मार्च की सुबह एक टीवी न्यूज चैनल के जरिए पता चला कि ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर बम ब्लास्ट हुआ है। ऐसे में कुछ घंटे पहले ही बेटे से बात हुई थी, जो न्यूयार्क से ब्रसेल्स पहुंच रहा था। इससे वे लोग किसी अनहोनी को लेकर घबरा गए। बार-बार बेटे के नंबर पर संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा था। दो घंटे बाद किसी तरह संपर्क हुआ। उसके बाद व्हाटसऐप के जरिए बेटे से संपर्क होने पर वे लोग कुछ राहत की सांस ले पाए, लेकिन उसके बाद भी जब तक बेटे की इंडिया में वापसी नहीं हुई, उनके रात-दिन बेचैनी में ही कटे। बेटे के दीदार का इंतजारतौसीफ की वालिदा सोफिया अहमद कहती हैं कि उनका बेटा अक्सर ऑफिशियल टूर पर विदेश जाता रहता है, लेकिन इस बार जो हुआ, वैसा सपने में भी नहीं सोचा था। बेटे की सकुशल वापसी से वह बेहद खुश हैं। वहीं, तौसीफ के वालिद तनवीर अहमद कहते हैं कि ब्रसेल्स में जो घटना घटी उसके बाद तो हमारे होश ही उड़ गए। आखिर मानवता के दुश्मन मासूमों का खून बहाकर क्या चाहते हैं? उन्होंने कहा कि बेटे की वतन वापसी तो हो गई है, लेकिन इंतजार यह है कि कब बेटे का दीदार हो पाएं।ashwini.nigam@inext.co.ininextlive Desk from Spark-Bites

Posted By: Ruchi D Sharma