इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट की ओर से तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन

ALLAHABAD: प्रकाश एवं उसपर बेस तकनीकी का लोगों पर व्यापक असर पढ़ने वाला है। लाइट क्वांटा की फोटोनिक टेक्निक से सूचना तंत्र मजबूत होगा। वहीं नैनो एवं बायो टेक्निक में भारी बदलाव होंगे। इससे मानव जीवन और सुरक्षित हो जाएगा। ये बात आईआईएससी बंगलुरु के प्रो। अनिल कुमार ने कही। वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट की ओर से लाइट क्वांटा: मार्डन प्रास्पेक्टिव एंड अप्लिकेशन टॉपिक पर तीन दिवसीय सेमिनार में बोल रहे थे।

शारीरिक रोगों का उपचार भी संभव

प्रोग्राम का एनागरेशन करते हुए मंडे को बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान परिषद सभागार में आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि युनाइटेड नेशन द्वारा घोषित प्रकाश व उस पर बेस तकनीक का उपयोग बढ़ाना है। बोले कि क्वांटम आप्टिक्स, नानलिनियर आप्टिक्स, लेजर स्पेक्ट्रोस्कोपी सोलर सेल जैसी तकनीकी इसी का हिस्सा है। इस अवसर पर प्रो। बी। सैंडर्स ने लाइट क्वांटा से जनमानस को जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्वांटम टोमोग्राफी एवं फोटानिक्स के माध्यम से शारीरिक रोगों का भी उपचार संभव है। यही रीजन है कि जितने अधिक लोग इसका प्रभाव जानकर उससे जुड़ेंगे। उतने ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

साइंटिस्ट्स के प्रयासों की सराहना

प्रो। सीएस यूनिकृष्णन ने लाइट क्वांटा को विज्ञान के क्षेत्र का मानवहित में वरदान कहा। प्रो। शिव उमापथि ने फोटोन के चुंबकीय तत्वों पर प्रकाश डाला। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक्टिंग वाइस चांसलर प्रो। रामेंदु राय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के सैद्धांतिक एवं प्रयुक्त वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। संयोजन विभागाध्यक्ष प्रो। रंजना प्रकाश ने किया। सह संयोजन प्रो। एके राय, प्रो। रामकृपाल, प्रो। राजाराम यादव, डॉ। केएन उत्तम ने किया। इस प्रोग्राम में देश व विदेश के 250 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया के प्रतिभागी भी शामिल हैं।

Posted By: Inextlive