- लखनऊ यूनिवर्सिटी के पॉलीटिकल साइंस डिपार्टमेंट में सेमिनार का आयोजन

- साम्राज्यवाद और अलकायदा विषय पर एक्सपटर््स ने रखे अपने विचार

LUCKNOW (5 March): इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका साम्राज्यवादी देश है। उसने अपने हित के लिए सदैव साम्राज्यवाद को प्रोत्साहन दिया। वहां के जितने भी प्रेसिडेंट हुए हैं, उन सभी लोगों ने साम्राज्यवाद को बढ़ाने वाली नीतियों का निर्माण किया। यह बात दक्षिण एशिया यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के प्रो। डॉ। राजन हर्ष ने बुधवार को कही। वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के पॉलीटिकल साइंस डिपार्टपमेंट की ओर से साम्राज्यवाद और अलकायदा विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यूरोप, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका सभी जगह उसने हस्तक्षेप किया। वह सीधे युद्ध से बचता रहा, लेकिन उसने हर जगह मोहरे तैयार किए।

सेमिनार में आए कई एक्सप‌र्ट्स

प्रो। हर्ष ने कहा कि अलकायदा और लादेन उसके मोहरे थे। उसने इनके माध्यम से अफ गानिस्तान में सोवियत संघ को परास्त करने का प्रयास किया था। बाद में नाइन इलेवन को उसने अमेरिका पर हमला किया। तब उसकी आखें खुली, लेकिन पाकिस्तान जैसे देशों पर विश्वास के कारण उसका आंतक विरोधी अभियान विफ ल रहा। इस मौके पर उपस्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। एसबी निमसे ने कहा कि अमेरिका में साम्राज्यवाद मुख्य था। वह मोहरों के सहारे ही आगे बढ़ता था। विवादित क्षेत्रों में कोई ना कोई पक्ष अमेरिका के साथ था। इस मौके पर प्रो। एन राम, प्रो। कमल कुमार, प्रो। आरके मिश्र समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive