14 फीसदी महिलाओं को इच्छा के विरुद्ध पैदा करना पड़ता है अगला बच्चा

ALLAHABAD: क्या आपको पता है कि पांच फीसदी महिलाए दो बच्चों के बीच में अंतर चाहती हैं और 14 फीसदी महिलाएं अगला बच्चा नही चाहतीं। फिर भी पुरुष प्रधान समाज में उन्हें बच्चा पैदा करना पड़ता है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से प्रदेश में मातृ मृत्यु दर एक लाख में 258 बनी हुई है। जिसका सबसे बड़ा कारण परिवार नियोजन सेवाओं का अभाव होना है। यह बात विकास भवन में सहयोग लखनऊ और राष्ट्रीय असहाय सेवाश्रम परिषद मैसवा जिला फोरम सहित साथी जिला फोरम की ओर से आयोजित सेमिनार में सामने आई। एक्सप‌र्ट्स ने कहा कि परिवार नियोजन जैसे संवेदनशील विषय में पुरुषों की भागीदारी भी बढ़नी चाहिए।

रोकी जा सकती है 75 फीसदी मौत

सेमिनार में बताया गयाकि मातृ मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में गर्भावस्था एवं प्रसव जटिलताएं, गुणवत्तापरक परिवार नियोजन सेवाओं का अभाव, जानकारी व असुरक्षित गर्भसमापन है। वरिष्ठ समाजसेवी डॉ। गिरधारी भाई ने कहा कि इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो 75 फीसदी मौतों पर लगाम लगाई जा सकती है। ममता संस्थान के जतन ने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत कम है। पुरुष नसबंदी में 2.75 फीसदी और अस्थायी साधनों में महज 20 फीसदी। जबकि महिलाएं बड़ी संख्या में नसबंदी जैसे साधनों का पालन करती है।

पुरुषों को लेनी होगी जिम्मेदारी

मुख्य अतिथि डीसीएमओ डॉ। वीके मिश्रा ने कहाकि परिवार नियोजन जैसे मामलों में पुरुषों की भागीदारी में बढ़ोतरी होनी चाहिए। इस मौके पर राज्य समन्वयक आशीषजी, डॉ एके मौर्य, डॉ। अनिल सिंह भदौरिया, डॉ। संजय तिवारी, राजेंद्र पाल, संदीप तिवारी आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive