'भारत के समग्र विकास में गंगा का योगदान' विषय पर चर्चा

आईआईटी, एमएनएनआईटी के छात्रों ने गंगा के महत्व पर प्रस्तुत किया शोध

ALLAHABAD: गंगा समग्र व इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से रविवार को 'गंगा भारत की जीवन रेखा' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें पर्यावरणविदों व शोध छात्रों ने गंगा को मनुष्य की जीवन धारा बताते हुए संरक्षण पर जोर दिया।

गंगा का मूल स्वरूप बचाएं

मुख्य अतिथि पर्यावरण एवं संस्कृति विद आशीष गौतम ने कहा कि गंगा का उद्गम स्थल ही पर्यावरण क्षरण के कारण संकट में है। गंगा में जल प्रवाह को बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण को संरक्षित करना होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो। शेखर श्रीवास्तव ने गंगा को अविरल बनाने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा की।

मूल स्वरूप बनाए रखें

विशिष्ट अतिथि प्रो। डीएन शुक्ल ने कहा कि गंगा के मूल स्वरूप को रहने दिया जाए। प्रो। बीएन सिंह ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए गंगा का संरक्षण आवश्यक है। प्रो। राजाराम यादव ने गंगा से जुड़े रहस्यों की चर्चा करते हुए गंगा गीत प्रस्तुत किया। इलाहाबाद संग्रहालय के डॉ। राजेश कुमार मिश्र ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान पाणिनी सिंह, विजय द्विवेदी, ओपी शुक्ला, सुरेश, डॉ। ओंकार वानखेड़े, डॉ। आरसी मिश्र, डॉ। वामन वानखेड़े, डॉ। अजय कुमार, प्रमोद भार्मा, सुरेश यादव आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive