छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: झारखंड को सिनेमा में गलत तरीके से दिखाया गया है। इसे सही तरीके से दिखाने पर राज्य की तस्वीर बदली हुई दिखेगी। सिनेमा के माध्यम से झारखंड की तस्वीर बदल सकती है। यह बातें जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में शहर के प्रख्यात साहित्यकार सह कॉलेज के ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सी भास्कर राव ने गुरुवार को कही। वे कॉलेज में पहली बार ¨हदी सिनेमा में अभिव्यक्त, भारतीय समाज और संस्कृति दशा व दिशा विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

केसीसी बना केंद्र

उन्होंने कहा कि जमशेदपुर संताली फिल्म निर्माण का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है और करीम सिटी कॉलेज (केसीसी) लघु फिल्म निर्माण का। उन्होंने कहा कि माफिया जगत ने ¨हदी सिनेमा को ही नहीं भारतीय संस्कृति को भी खराब करने की बहुत कोशिश की लेकिन, वे कामयाब नहीं हुए। माफिया जगत का जब पतन हुआ तो एक से बढ़कर एक युवा निर्देशकों व निर्माताओं ने ¨हदी सिनेमा की दशा बदली और युवाओं में एक नयी चेतना का संचार किया। माधवन, इम्तियाज अली, प्रियंका सहित कई कलाकार इसका उदाहरण है।

इन्होंने किया संबोधित

इससे पूर्व इस राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर सी भास्कर राव, शांति निकेतन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुक्तेश्वर नाथ तिवारी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो। मुश्ताक अली, पूर्वाचल विश्वविद्यालय के प्रो। संत कुमार त्रिपाठी, को-ऑपरेटिव के प्राचार्य डॉ। एसएस रजी, ग्रेजुएट की प्राचार्य डॉ। ऊषा शुक्ल, एबीएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ। एसबी तिवारी, एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर ओपी खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से किया। सेमिनार में संयोजक डॉ। अविनाश कुमार सिंह ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस सेमिनार में प्रोफेसर दिगंबर हांसदा, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ। अनिरुद्ध कुमार, डाल्टेनगंज से कुमार वीरेंद्र, डॉ। रागिनी भूषण, डॉ। बालमुकुंद पैनाली, डॉ। नेहा तिवारी, डॉ। त्रिपुरा झा, डॉ। अर्चना सिन्हा, डॉ। भारती कुमारी, डॉ.मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ। अशोक कुमार सहित देश के कई कॉलेजों के प्रोफेसर व शोधार्थी शामिल हुए।

Posted By: Inextlive