JAMSHEDPUR: टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसलिए सभी को मिलकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। ये बातें सोमवार को दिल्ली से आए डॉ। अशोक रत्न ने कहीं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी जमशेदपुर शाखा की ओर से महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुभारंभ एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसी अखौरी व डॉ। अशोक रत्न ने संयुक्त रूप से किय।

जागरूक होने की जरूरत

मुख्य वक्ता डॉ। अशोक रत्न ने बताया कि टीबी बीमारी के प्रति लोगों के साथ-साथ डॉक्टर को भी जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने टीबी जांच के लेटेस्ट तरीकों के बारे में बताया। कहा कि टीबी बीमारी की कल्चर टेस्ट रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाते है। लेकिन, हमारे पास कई अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं, जिसके माध्यम से मरीजों की जांच कर उनका इलाज शुरू किया जा सकता है। जीन एक्सपर्ट व पीसीआर टेस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे रिपोर्ट काफी कम समय में मिल जाता है। डॉ। अशोक रत्न ने बताया कि एक बेहतर चिकित्सक सभी तरह की नई-नई जानकारियों व उपकरणों से अपडेट होते हैं। जिसका लाभ वह मरीजों को दे पाते हैं।

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। उमाशंकर प्रसाद, सचिव डॉ। प्याली गुप्ता, डॉ। रीता चौहान, डॉ। आरके मंधान, डॉ। वनिता, डॉ। रतन कुमार सहित शहरभर के डॉक्टर उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive