- पटना कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में अधिकारों एवं स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन पर हुआ विमर्श

- जेएनयू समेत कई यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स लीडर्स हुए शामिल

PATNA: 'छात्र अधिकारों पर नये दौर में हो रहे हमले एवं लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें' पर पटना कॉलेज के भाषा भवन में मंगलवार को सेमिनार का आयोजन आईसा की ओर से किया गया। अध्यक्षता आईसा के राज्य सचिव अजीत कुशवाहा ने की। उन्होंने कहा कि बिहार में स्कूल एवं कॉलेजेज में टीचर्स की कमी है। सरकार इस पर टालमटोल करती है। इसका सीधा असर एजुकेशन सिस्टम पर पड़ता है। सेमिनार को एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार, एआईडीएसओ सरोज कुमार सुमन, छात्र राजद के आजाद चांद व महफूज आलम, एनसीपी के अमित सरोगी ने संबोधित किया। सेमिनार में आकाश कश्यप, बाबू साहब, प्राची राज, नीतू कुमारी, रिंकू व बंटी आदि मौजूद थे।

छीने जा रहे स्टूडेंट्स के अधिकार

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन के उपाध्यक्ष अनंत प्रकाश नारायण ने कहा कि आज छात्रों के अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। देश के अधिकतर यूनिवर्सिटीज में सरकारें एवं यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेटर मनमानी करने के लिए इलेक्शन नहीं कराते है। इसके अलावा जिन यूनिवर्सिटीज में इलेक्शन होता है, वहां लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें लागू होने के कारण संघर्षरत स्टूडेंट्स कैंपस इलेक्शनर में हिस्सा नहीं ले पाते हैं। जेएनयू के स्टूडेंट्स यूनियन के कन्वेनर विजय कुमार ने यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें लागू करने का विरोध किया।

यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई चौपट

एआईडीएसओ के सरोज कुमार सुमन ने सरकार पर प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कहा कि सरकारें यूनिवर्सिटीज में टीचर्स के खाली पदों को नहीं भर पा रही है। लगातार पढ़ाई चौपट हो रही है, जिसका फायदा उठा कर प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपना विस्तार कर रहे हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की महंगी फीस स्टूडेंट्स के बस की बात नहीं है। आईसा के राज्य सहसचिव मो मुख्तार ने सरकारी इंस्टीट्यूट्स की बदहाली पर चिंता जताते हुए कहा कि क्990 के बाद उदारीकरण के नाम पर एजुकेशन को सरकार ने बर्बाद करने का काम किया है।

Posted By: Inextlive