-एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एनजी गोस्वामी ने किया संबोधित

-वीमेंस कॉलेज में 'आधारभूत संरचनाओं के विकास में पीपीपी की भूमिका' पर सेमिनार

JAMSHEDPUR: बिना पीपीपी के स्मार्ट सिटी की अवधारणा मुश्किल है। यह कहना है एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक सह निर्देशक डॉ एनजी गोस्वामी का। शुक्रवार को वे 'आधारभूत संरचनाओं के विकास में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की भूमिका सब्जेक्ट पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में किया गया, जिसमें वे मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि पीपीपी सबसे ज्यादा सफल स्वास्थ्य, पानी व बिजली के क्षेत्र में हो सकता है। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने का एक माध्यम पीपीपी भी है। वर्तमान केंद्र सरकार इस दिशा में काफी प्रयास कर रही है। डॉ। गोस्वामी ने पीपीपी की सफलता के लिए आवश्यक बातों को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया।

स्मारिका का विमोचन

सम्मेलन जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इससे पूर्व इसका उद्घाटन एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ। एनजी गोस्वामी, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, रांची यूनिर्वसिटी के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ रमेश शरण, वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ शुक्ला महंती, कॉमर्स डिपार्टमेंट की हेड डॉ दीपा शरण और इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट की हेड डॉ रेखा झा ने दीप जलाकर किया। इस दौरान स्मारिका का विमोचन भी किया गया। प्रिंसिपल डॉ शुक्ला महंती ने विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रतिनिधियों व आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।

पीपीपी पूरे विश्व में कारगर

विशिष्ट अतिथि सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अब कई कंपनियां पीपीपी के तहत कार्य करने को इच्छुक हैं। पीपीपी पूरे विश्व में कारगर है। भारत में वर्तमान में इसने रफ्तार पकड़ी है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा योगदान है। इस कार्य में लोगों की सोच में भी बदलाव हुआ है। उद्घाटन सत्र के बाद पहले दिन छह तकनीकी सत्र आयोजित हुए। पहले सत्र में एनईपी की निदेशक रंजना मिश्रा ने भी स्टूडेंट्स व शोधार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यो में पीपीपी मॉडल पर कार्य होने लगे हैं। कई में एनजीओ की भी मदद ली जा रही है।

Posted By: Inextlive