डाकघर के अजब-गजब बहाने, अधर में 'आधार'
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कर्मचारियों को आधार कार्ड बनाने के लिए फरवरी में प्रशिक्षण दिलाया गया था 15 फरवरी तक डाकघर में स्कैनर, आई लेंस व बायो मीट्रिक मशीनों का पैंतीस सेट लखनऊ मुख्यालय से मंगाया गया था 63 उप डाकघरों में आधार कार्ड बनाने के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में पैंतीस मशीनों का पूरा सेट मंगाया गया 20 फरवरी से ही प्रधान डाकघर में आधार कार्ड बनने की होनी थी शुरूआत 24 से अधिक लोग प्रतिदिन डाकघर में पहुंचते आधार कार्ड बनवाने और बैरंग लौट जाते हैं कभी बताते हैं संबंधित कर्मचारी टूर पर तो कभी बॉयोमैट्रिक स्टाल नहीं होने की बात कभी कहते हैं साफ्टवेयर लोड नहीं हो पाया तो कभी मशीन की ही किसी कमी का रोनाALLAHABAD: डाकघर के अजब-गजब बहानों से केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना 'आधार' अधर में लटका हुआ है। जबकि इस समय हाल ये है कि बिना आधार न तो आप बच्चे का एडमिशन करा सकते हैं और न ही बैंक में खाता खोल सकते हैं। हद तो ये कि गली-गली मिल रहे मोबाइल के सिम भी आप बिना आधार के नहीं ले सकते। ऐसे समय में भी इलाहाबाद के प्रधान डाकघर में एक या दो दिन से नहीं बल्कि पिछले दो महीने से आधार कार्ड बनाने के नाम पर सिर्फ और सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है। इसमें कभी आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारी के छुट्टी पर चले जाने की बात कही जा रही तो कभी मशीनों के ट्रायल की बात तो कभी साफ्टवेयर लोड ना होने जैसी बातें बताई जा रही हैं।
दस का बनाना है पहुंचते हैं दर्जनों प्रधान डाकघर में आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था सिर्फ बातों से ही की जा रही है। सीनियर पोस्ट मास्टर आरएन यादव की मानें तो एक दिन में दस लोगों का आधार कार्ड का निर्देश दिया गया है। लेकिन यहां रोज दो दर्जन से अधिक शहरी आधार कार्ड बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं। शनिवार को भी डाकघर के ग्राउंड फ्लोर पर आधार कार्ड बनवाने आए तो उन्हें यही जवाब दिया गया कि अभी यहां कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। बीस फरवरी से था बनाने का दावा प्रधान डाकघर प्रशासन की मानें तो ग्राउंड फ्लोर पर बीस फरवरी से ही आधार कार्ड बनाने की शुरुआत की गई है। प्रवर डाक अधीक्षक सुबोध प्रताप सिंह ने बताया कि पहले दिन तीन लोगों का कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी की गई थी। लेकिन हकीकत इसके उलट है। अभी तक डाकघर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं शुरू हो सकी है।मैं तीन दिन के लिए शहर से बाहर हूं। अगर कोई कर्मचारी छुट्टी पर गया था तो उसकी नामौजूदगी में भी बहुत कर्मचारी ऐसे हैं जिनसे कार्ड बनवाया जा सकता है। सोमवार को वापस लौटने पर इसकी पड़ताल करेंगे कि दिक्कत कहां हो रही है।
सुबोध प्रताप सिंह, प्रवर डाक अधीक्षक, प्रधान डाकघर जिस कर्मचारी का आधार कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन था वह छुट्टी से वापस आ गया है। लेकिन अब सॉफ्टवेयर लोड नहीं हो रहा है। तीन दिन पहले इंजीनियर ने आकर ठीक करने का प्रयास किया लेकिन वह ठीक नहीं हो पाया। इसकी जानकारी लखनऊ मुख्यालय को दी जाएगी। आरएन यादव, सीनियर पोस्ट मास्टर