- कोरोना संकट में जान जोखिम में डाल उम्रदराज वालों ने संभाली कमान

- 30 गार्ड आज भी पैसेंजर्स को करा रहे सफर

कोरोना संक्रमण को लेकर एक तरफ जहां पूरे देशवासी इस संकट की घड़ी में जूझ रहे हैं, वहीं पचास साल की उम्र पूरी कर चुके गार्ड ईमानदारी से देश की सेवा में लगे हुए हैं। वे अपनी डयूटी खत्म करने के बाद घर में घुसने से पहले परिवार और आसपास की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं। इस संकट में ट्रेंस के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्यों प्रवासी मजदूरों की रात दिन सेवा कर रहे हैं।

लॉक डाउन में भी चलाई है ट्रेन

गार्ड शीतल प्रसाद 55 साल के हो चुके हैं फिर भी इस उम्र में कोरोना संकट काल में लोगों की सेवा का भार अपने कंधे पर लिया है। सामान्य दिनों में इन्होंने 5000 से 8000 हजार किलोमीटर ट्रेन चलाने का रिकार्ड हैं। जबकि इस लॉकडाउन के दौरान 1860 किलो मीटर तक ट्रेन चलाकर प्रवासी मजदूरों की सेवा की है। वहीं गार्ड ओपी मल्ल 52 साल के हो गए हैं। इन्होंने लॉकडाउन के बीच एक माह में 1358 किलो मीटर और 51 साल के गार्ड हाजी एसके हुसैन गार्ड ने 1273 किलोमीटर तक ट्रेन चलाई हैं। ऐसे करीब 30 गार्ड हैं, जिन्होंने इस संकट की घड़ी में अपना कार्य ईमानदारी के साथ काम किया है।

मिला सम्मान

सदर सांसद रवि किशन ने सिंघडि़या स्थित भाजपा कार्यालय पर ऑल इंडिया गार्ड कौंसिल एनई रेलवे के जोनल महामंत्री शीतल प्रसाद को अंग वस्त्र से सम्मानित किया। यह सम्मान प्रवासी मजदूरों को रात दिन ट्रेन सेवा करके काफी योगदान दिया। सांसद ने कार्यकर्ताओं के बीच सभी रनिंग रेल कर्मचारी जो कि लॉकडाउन में भी रेल की ड्यूटी करते रहे उन सभी की सराहना की।

Posted By: Inextlive