39

थाने हैं जिले में

90

चौकियां हैं थाना क्षेत्रों में

70

के करीब इंस्पेक्टर की है तैनाती

550

दरोगा तैनात हैं जिले में तैनात

5000

सिपाहियों की कुल है तैनाती

1300

हेड कांस्टेबल की कुल है संख्या

बीट पर किए गए कार्यो का हर रोज देना होगा लेखा-जोखा

थाने व चौकियों पर बनाए गए बीट वर्क रजिस्टर में दर्ज करेंगे ब्योरा

PRAYAGRAJ: कॉमनमैन से पुलिस की बढ़ती खाई को पाटने के लिए अफसर एक बार फिर बीट पुलिसिंग पर केन्द्रित होने लगे हैं। एसएसपी नितिन तिवारी ने बीट के प्रत्येक सिपाही व दरोगा के लिए मूवमेंट की डिटेल दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। चेताया है कि काम का हिसाब न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बनाए जाएंगे 'बीवीआर'

सिपाहियों के बीवीआर 'बीट वर्क रजिस्टर' बनाए जाएंगे। इस रजिस्टर में हर सिपाही का नाम उसकी बीट के हिसाब से अंकित होगा। वह प्रति दिन ड्यूटी समाप्त होने के बाद वह अपने काम का ब्योरा इस रजिस्टर में दर्ज करेगा। इमरजेंसी या वीआईपी अथवा हमराही में डयूटी है तो यह भी वह रजिस्टर पर दर्ज करेंगे। क्षेत्राधिकारी इस रजिस्टर का निरीक्षण करेंगे। साथ ही सिपाहियों के द्वारा बीवीआर में लिखे गए कार्यो की हकीकत का भी पता लगाएंगे। बगैर काम किए लिखी गई बात जांच में साबित होने पर संबंधित सिपाहियों के साथ कार्रवाई भी की जाएगी। चौकी इंचार्ज व थाना प्रभारी हर हफ्ते रजिस्टर की समीक्षा करेंगे। इसकी रिपोर्ट उनके जरिए सीओ को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट को सीओ अपने स्तर से एसएसपी कार्यालय को भेजेंगे।

करेंगे काम तो मिलेंगे इनाम

यह रजिस्टर सिपाहियों के कार्यो की पोल खोलेगा। जिसके काम खराब रहेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इतना ही नहीं समीक्षा में अच्छा काम करते हुए पाए गए सिपाहियों को एसएसपी द्वारा सम्मान पत्र व इनाम भी दिए जाएंगे। जो उनके प्रमोशन आदि में भी काम आएंगे।

बीट पर क्या करेंगे काम

बीट क्षेत्र में प्रति दिन भ्रमण करना

लोगों के बीच में रहेंगे उनसे संबंध प्रगाढ़ बनाने के साथ संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी जुटायेंगे

किस एरिया में कौन बदमाश है, उसका मूवमेंट क्या है, उनसे कौन-कौन मिलता है इसका पूरा ब्यौरा जुटायेंगे

गांव या मोहल्ले के पांच व्यक्तियों का मोबाइल व वाट्सएप नंबर रखेंगे

नंबर उन्हीं का हो जो समाज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हों

उनके नंबर को अपने विश्वास पर सिर्फ अपने तक ही रखना

लोगों द्वारा दी गई सूचना के बाद उनका नाम किसी से उजागर न करना

बीच-बीच में उनसे क्षेत्र की स्थिति के बारे में जानकारी लेते रहना

उनके द्वारा दी गई सूचना पर अमल कर सच्चाई का पता लगाना

जरूरत पड़ने पर तत्काल एक्शन लेना व सूचना सीनियर्स को देना

क्षेत्र में अपने विस्वसनीय सूत्र डेवलप करना

ऐसा इसलिए किया गया है कि सिपाही एक्टिव रहें। वह सक्रिय रहेंगे तो अपने आप क्षेत्र में होने वाली सही गलत कार्यो की जानकारी मिलती रहेगी। इसके आधार पर पुलिस को एक्शन लेने में आसानी होगी। पुलिस को हर गांव में क्या चल रहा है यह भी पता होगा।

-नितिन तिवारी,

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज

Posted By: Inextlive