यूनिवर्सिटी में सात कोर्स 'साफ'
7 कोर्स यूनिवर्सिटी में हैं बंदी की कगार पर, छात्रों में नहीं दिख रहा रुझान
कहीं 3 तो किसी कोर्स में छात्रों की संख्या महज 20 इन कोर्स में इनकम के मुकाबले ज्यादा हो रहा खर्च फाइन आर्ट, माइक्रोबायोलॉजी मेडिकल, ह्यूमन डेवलपमेंट सहित कई कोर्स में छात्रों का नहीं रुझान Meerut। सीसीएस यूनिवर्सिटी में सात कोर्स बंद होने की कगार पर हैं। दरअसल, यूनिवर्सिटी में इन कोर्स में स्टूडेंट्स की संख्या पर नजर डालें तो इन कोर्स के बंद होने की गुंजाइश ही नजर आ रही है। छात्रों की संख्या कम होने के कारण चर्चा है कि इन कोर्स को बंद किया जा सकता है। यही नहीं, एक कोर्स तो ऐसा भी है जिसमें एक भी स्टूडेंट नहीं है। हो रहा है घाटासीसीएस यूनिवर्सिटी में एनवायरमेंटल साइंस, माइक्रो बायोलॉजी मेडिकल, केमिस्ट्री पॉलीमर, फॉरेन लैंग्वेज, मैनेजमेंट के कोर्स में एमबीए, एमबीआईबी, फाइन आर्ट आदि इन कोर्स में स्टूडेंट्स कम होने की वजह से हर साल यूनिवर्सिटी को घाटा हो रहा है। स्टूडेंट्स के इन सब्जेक्ट्स में इंट्रस्ट खत्म होने की वजह से इन कोर्स में स्टूडेंट्स आना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में लागत से ज्यादा हर साल का खर्च ही ज्यादा हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक बीते 3 साल से इन कोर्स में कम से कम चार और ज्यादा से ज्यादा बस 20 स्टूडेंट्स ही आ रहे हैं। जबकि इन कोर्स के संचालन के लिए यूनिवर्सिटी को लाखों का खर्च करना पड़ता है।
ये है स्थिति इन्वॉयरमेंटल साइंस कमाई 2 सात लाख खर्च 7 लाख मुश्किल से फाइन आर्ट छात्र- 20 खर्च- 8 लाख कमाई - 3 लाख मैनेजमेंट कोर्स छात्र- 13 खर्च- 20 लाख कमाई - 5 लाख फॉरेन लैंग्वेज छात्र- 13 खर्च- 6 लाख कमाई- 4 लाख केमिस्ट्री पॉलीमर छात्र - 18 खर्च- 7 लाख कमाई- 3 लाख माइक्रोबॉयोलॉजी छात्र- 4 खर्च- 8 लाख कमाई- 3 लाख मैनेजमेंट कोर्स एमबीआईबी छात्र- 5 खर्च- 8 लाख कमाई - 3 लाख नहीं है कोई स्टूडेंट होमसाइंस में ह्यूमन डेवलपमेंट में हर साल 22 से 23 लाख का बजट है। जो हर साल में कोर्स का सबसे अधिक बजट है, लेकिन यहां पढ़ने वालों की संख्या तो इस बार है ही नहीं यानि जीरो है। ह्यूमन डेवलपमेंट के हाल साल स्टूडेंट2012 24
2013 18 2014 15 2015 9 2016 9 2017 5 2018 0 75 प्रतिशत सैलरी पर खर्च नियमों के मुताबिक यूनिवर्सिटी को हर साल इनकम का 75 प्रतिशत खर्च सैलरी पर करना पड़ता है, लेकिन चिंता की बात यह है कि यूनिवर्सिटी में इन सात कोर्स से पिछले कई सालों में बजट से आधी इनकम हो रही है। ऐसे में कैसे यूनिवर्सिटी सैलरी देगी। एजुकेशन सिस्टम में कैसे इंप्रूवमेंट होगा, इसके लिए भी यूनिवर्सिटी भी इन सातों कोर्स के बारे में विचार में जुट गई है। जल्द होगा बदलावयूनिवर्सिटी को हर साल इतनी मोटी कीमत का नुकसान हो रहा है, जिसके बारे में आलाधिकारी तक सोच-विचार करने में जुटे हुए हैं। सूत्र बताते हैं यूनिवर्सिटी में इनमें से जो कोर्स ज्यादा घाटे में है उनको गुपचुप तरीके से बंद करने की तैयारी चल रही हैं। बाकी कोर्स में कुछ खर्च में कमी यूनिवर्सिटी में टीचर्स की सैलरी कम करके भी की जा सकती है। इसके साथ ही सीसीएस यूनिवर्सिटी में यह भी मंथन चल रहा है कि आखिर कैसे इन कोर्स को स्टूडेंट्स के लिए इंट्रस्टेड बनाया जाए ताकि स्टूडेंट्स की संख्या को बढ़ाया जा सके।
कुछ कोर्स ऐसे हैं जिनमें स्टूडेंट्स कम हैं, इन कोर्स में कुछ बदलाव करने की बात चल रही है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि यह कोर्स बंद होंगे। इन कोर्स में कुछ अपडेट्स करने की तैयारी चल रही है। प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएस यूनिवर्सिटी