क्रिसलय का पता गलत, फिर भी बन गया कैरेक्टर सर्टिफिकेट
RANCHI: रांची पुलिस ने जिस कांतेश कुमार मिश्रा उर्फ क्रिसलय मिश्रा को जालसाजी के आरोप में होटवार जेल भेजा है। उस मामले में पुलिस की तहकीकात जारी है। जांच में यह पता चला है कि कांतेश कुमार मिश्रा उर्फ क्रिसलय मिश्रा ने जमशेदपुर सोनारी के जिस फ्लैट का पता दिया है। वह पूरी तरह से फर्जी है। क्रिसलय उस पते पर रहता ही नहीं है। ऐसे में जमशेदपुर पुलिस द्वारा उसका कैरेक्टर जारी करना संदेह के घेरे में आता है। क्रिसलय मिश्रा का मूल घर कानपुर में है।
22 लाख के गहने लेकर भागी पत्नीक्रिसलय मिश्रा के मुताबिक, उसकी पत्नी लगभग 22 लाख के जेवरात लेकर लखनऊ भाग गई थी। जब वह पीछा करते हुए लखनऊ गया तो पता चला कि वह किसी और के साथ है। जब उसने वहां पर कुछ करना चाहा तो कुछ गुंडे भी उसके पीछे लग गए। वह वहां से केवल 22 हजार रुपए का मोबाइल लेकर भाग आया। रांची आने के बाद उसने उस मोबाइल को 13 हजार रुपए में बेच दिया। पांच हजार रुपए उसने किराया दिया और आठ हजार रुपए से उसने छह माह तक अपनी खुराकी चलाई।
खुद को बताया था अनमैरिडपुलिस से क्रिसलय मिश्रा ने खुद को अनमैरिड बताया था। अनमैरिड होने की बात पर पुलिस चौंकी थी। इस पर पुलिस ने जब उसकी कुंडली निकाली तो वह टूट गया और कहा कि वह कानपुर का रहनेवाला है।
रसीद कंपनी की और पता कांके रोड काजब लोअर बाजार थाना पुलिस ने क्रिसलय मिश्रा को कांके के अरसंडे में सात मौत मामले में रिमांड पर लिया था, तो पुलिस ने उसके मालिक हर्षवर्द्धन जैन ने क्रिसलय के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया था। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि दीपक झा की मदद के लिए ही उसने कोडरमा तिलैया उपेंद्र वाधवानी से डेढ़ लाख रुपए उठा लिया था। रसीद कंपनी की ही थी, लेकिन उसके ऑफिस का पता रोस्पा टॉवर के बगल में न देकर कांके रोड को दिया था। साथ ही दुकान का मुहर भी जाली बनाया था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। हर्षवर्द्धन जैन ने बताया कि वह अशोकनगर में किराए के मकान में रहता था। जब उसकी तलाश की गई तो पता चला कि वह ऑपरेशन करने की बात कहकर 23 जुलाई को जमशेदपुर गया हुआ है। इसके बाद जब दुकान में जाकर छानबीन की तो पाया कि 13 और 23 जुलाई की रसीद गायब पाया। पता चला कि वह उपेंद्र बाधवानी से पैसा लेने के लिए खुद कोडरमा दीपक झा और रूपेश झा के साथ गया था।