सुबह दस बजे लेकर शाम पांच बजे तक सड़कों पर इधर से उधर भटकते रहे परीक्षार्थी

ALLAHABAD: लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर परीक्षार्थियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा के दूसरे दिन परीक्षार्थियों को गलत प्रश्नपत्र बांटा गया तो दूरदराज के क्षेत्रों से इलाहाबाद परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों के आंखों में अपने करियर के टूटने का गम दिखाई दिया तो उनके चेहरों पर प्रदेश सरकार से लेकर आयोग के अध्यक्ष के रवैए को लेकर गुस्सा भी दिखाई दिया। यही वजह रही कि सुबह दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक आने वाले प्रश्नपत्रों की परीक्षा देने की जगह पर परीक्षार्थी सड़कों पर इधर से उधर भटकते रहे।

टूट जाएगा अधिकारी बनने का सपना

सुबह दस बजे के बाद केपी इंटर कालेज में भले ही परीक्षार्थियों ने हंगामा किया हो लेकिन झांसी, मुरादाबाद, कानपुर व प्रतापगढ़ से आएं अधिकतर परीक्षार्थियों को अपने अधिकारी बनने का सपना टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। झांसी से आएं डॉ। आलोक त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा देने के लिए 16 जून को ही आ गया था लेकिन कही जगह नहीं मिली तो सिविल लाइंस बस अड्डे पर रहकर अंतिम समय की तैयारी करनी पड़ी थी। उन्होंने बताया कि आयोग की ऐसी ही कार्यशैली रहेगी तो प्राइवेट नौकरी की तलाश करनी पड़ेगी।

आर्य कन्या से पहुंचकर जताया विरोध

जौनपुर के रहने वाले हिमांशु दुबे ने आर्य कन्या इंटर कालेज में पहली पाली में सामान्य हिन्दी पेपर की परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि पहली पाली की परीक्षा समाप्त होने पर कक्ष निरीक्षक ने बताया कि आप यहां पेपर दे रहे हैं और आपके साथी लोग परीक्षा छोड़कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद हिमांशु के साथ दर्जनों परीक्षार्थी अलग-अलग आटो रिक्शा से सिविल लाइंस हनुमान मंदिर तक पहुंचे। उसके बाद साथियों का समर्थन करने के लिए वहां से पैदल ही आयोग के लिए चल पड़े।

आयोग ने प्रतियोगी छात्रों की जिंदगी को बर्बाद कर दिया है। यह हाल तब है जबकि वहां पर सीबीआई की जांच चल रही है।

भूषण कुमार मिश्रा

अब तो पानी सिर के उपर से निकल गया है। हर परीक्षा में धांधली होती जा रही है। सरकार को महाभियोग लाकर अध्यक्ष को हटा देना चाहिए।

नंदलाल गुप्ता

जब सरकार युवाओं से पकौड़ा बेचने को कह सकती है तो आयोग भी अपनी मनमानी करने पर उतारु है। सारे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

जीआर प्रजापति

दिल्ली में रहकर तैयारी करता हूं। मुख्य परीक्षा देने आया लेकिन हर बार की तरह एक बार फिर आयोग अपनी मनमानी करने में कामयाब हो गया है।

राजेश कुमार निर्मल

Posted By: Inextlive