तीन दिन पहले मृतक बालिका के साथ बलात्कार की रिपोर्ट हुई थी दर्ज

बलात्कार के आरोपी को पुलिस भेज चुकी है जेल

बालिका के शरीर पर जख्म के आधा दर्जन से अधिक निशान मिले

सात साल की एक और मासूम को बीती रात अपहरण करके मौत के घाट उतार दिया गया। तीन दिन पहले मृतक बालिका के साथ बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था। इसके साथ निर्मम हत्या का मामला सामने आने से गांव के लोगों के साथ पुलिस ऑफिसर्स भी सन्नाटे में आ गए। आनन-फानन में एसएसपी, एडीएम सिटी के साथ तमाम अफसर और थानों की फोर्स के साथ पीएसी मौके पर पहुंच गई। बालिका के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांव में एहतियात के तौर पर पीएसी तैनात कर दी गई है। नवीन घटना के संबंध में ग्राम प्रधान समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ बलवा, अपहरण, हत्या और लाश छिपाने का मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

एक पखवारे से निशाने पर थी बबिता

यह सनसनखेज वाकया मऊआइमा थाना क्षेत्र के शिकरिहा गांव का है। मृत बालिका का नाम बबिता था। उम्र करीब सात साल थी। वह कक्षा एक की छात्रा थी। पिता बाहर रहते हैं। घर में मां और एक भाई दो बहनें हैं। मऊआइमा थाने में ही आईजी के आदेश पर तीन दिन पहले दर्ज हुई रिपोर्ट के अनुसार करीब 15 दिन पहले बालिका के साथ रेप किया गया था। मामले की शिकायत परिवार के लोगों ने पुलिस से की लेकिन पुलिस ने दो पक्षों के बीच जमीन का विवाद बताकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। थक हारकर परिवार के सदस्य आईजी से मिले और पूरी बात बताई। आईजी के आदेश पर मऊआइमा थाने में गांव के ही रहने वाले अनिल कुमार गुप्ता के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया। दो दिन पहले पुलिस ने आरोपी अनिल को चालान करके जेल भी भेज दिया। बुधवार को बालिका का एक्सरे होना था। इससे पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

घरवालों के बीच से उठा ले गए

मऊआइमा प्रतिनिधि के अनुसार परिवार के सदस्यों ने बताया कि रात में बबिता उनके साथ ही सोई हुई थी। उसे कौन कब उठा ले गया पता ही नहीं चला। सुबह नींद खुली तो बबिता गायब थी। इससे परिवार के लोग परेशान हो गए और खोजबीन शुरू कर दी लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी दौरान कुछ लोगों की नजर खेतों की ओर गई तो कुत्ते किसी बॉडी को नोच रहे थे। गांव के लोग उधर पहुंचे तो बालिका का शव देखकर दंग रह गए। चंद मिनट के भीतर सूचना गांव में पहुंची और वहां भीड़ जुट गई। बालिका के शरीर पर जख्म के निशान देखकर पूरा परिवार सन्नाटे में आ गया। परिवार के सदस्य फफक पड़े। इसी दौरान सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। स्पॉट की जांच के लिए फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया।

भीड़ पहुंच गई थाने

बालिका का शव पुलिस कब्जे में लेकर चली आई तो गांव के लोग थाने पहुंच गए और विरोध शुरू कर दिया। बवाल बढ़ने की आशंका होने पर अफसरों को सूचित कर दिया गया। इसके बाद एसएसपी, एसपी क्राइम, एसपी गंगापार, सीओ, एसओ, एडीएम और एसडीएम भी मौके पर पहुंच गए। आसपास के थानों की पुलिस के साथ पीएसी को बुला लिया गया। पुलिस अफसरों ने थाने का घेराव करने वाली भीड़ को भरोसा दिलाया कि बालिका के हत्यारों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अफसरों ने इसके बाद भी कोई रिस्क लेना उचित नहीं समझा और गांव में पीएसी लगा दी।

प्रधान के खिलाफ भी रिपोर्ट

घटना के संबंध में मृतका के बाबा राज बहादुर की ओर से रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर थाने में दी गई। इसमें संतलाल, बसंत लाल, कन्हई लाल और सोहन लाल (चारो सगे भाई) के साथ गांव के प्रधान देवानंद को नामजद किया गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 201 और 364 के तहत मामला दर्ज किया है और छानबीन कर रही है। एक को उठा लिए जाने की भी सूचना थी लेकिन देर शाम तक पुलिस ने इसे कन्फर्म नहीं किया।

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जमीन का भी चल रहा विवाद

बताया जाता है कि गांव दो खेमों में बंटा हुआ है। जातिगत आधार पर बंटवारे के बीच पिछले दिनों हुए एक जमीन के पट्टे ने विवाद को और गहरा कर दिया। बताया जाता है कि आबादी की तीन बिस्वा जमीन पर राजबहादुर पटेल का कब्जा है। इसमें से एक बिस्वा जमीन का पट्टा प्रधान देवानंद ने बलात्कार के आरोप में जेल भेजे गए अनिल कुमार गुप्ता के नाम कर दिया था। राजबहादुर के परिवार ने जमीन पर मकान निर्माण शुरू कराया तो अनिल ने अपने हिस्से पर दावा करते हुए विरोध किया। इससे बात बिगड़ गई। इसका बलात्कार और हत्या की घटना से क्या कनेक्शन है? इसका पता लगाना पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज है।

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अल्लापुर और शिकरिहा: सेम टु सेम

मई महीने में तिलकनगर अल्लापुर में भी इसी से मिलता-जुलता मामला सामने आया था। यहां भी राधिका नामक बालिका की बॉडी गली में फेंकी हुई थी। उसके शरीर पर भी धारदार हथियार से वार किया गया था। दोनों घटनाओं में फर्क सिर्फ इतना था कि राधिका को तब उठा ले जाया गया था जब वह शौच के लिए निकली थी और बबिता को तब उठाया गया जब वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ सो रही थी। बबिता के गले, कान के पास और सिर पर चाकू से आधा दर्जन से अधिक वार किए गए थे। लगभग यही कहानी राधिका केस में भी थी। राधिका की हत्या से पहले बलात्कार भी किया गया था। बबिता के केस में यह तथ्य अभी सामने आना बाकी है कि हत्या से पहले उसके साथ रेप किया गया था अथवा नहीं। राधिका के केस में हत्यारे आसपास के ही थे और उसके पिता के साथ उठा बैठकी थी। बबिता के केस में भी (दर्ज रिपोर्ट के अनुसारर) बलात्कार और हत्या का आरोप गांव के ही लोगों पर लगा है। राधिका के केस में रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज हुई थी और बबिता के केस में नामजद दर्ज हुई है।

एनसीआरबी के आंकड़े

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर

प्रदेश में हर रोज तकरीबन दो महिलाओं के साथ रेप होता है

महिलाओं के खिलाफ अपराध का प्रतिशत 16.6 फीसदी है

11.4 फीसदी मामले में 9.4 फीसदी मामले रेप से जुड़े

यूपी में 2014 में 3500 रेप के मामले सामने आए

चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 6.5 फीसदी मामले 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के हैं

इस साल देश में 2300 गैंग रेप के मामले आए, जिनमें 570 मामले उत्तर प्रदेश के

Posted By: Inextlive