RANCHI: राजधानी में सीवियर माल न्यूट्रीशन का अटैक हो चुका है। इसकी चपेट में जन्म से लेकर 14 साल तक के बच्चे आ रहे हैं। इतना ही नहीं, इसकी चपेट में आने वाले बच्चे हिलने-डुलने की स्थिति में भी नहीं होते, जिन्हें समय पर इलाज न मिले तो इनकी मौत भी हो जाती है। लेकिन ऐसे मरीजों के लिए रिम्स और डोरंडा अरबन हेल्थ सेंटर लाइफलाइन साबित हो रहा है। वहीं बच्चे इलाज कराने के बाद अपने पैरों पर चलकर घर जा रहे हैं।

हर माह एक दर्जन बच्चों का इलाज

माल न्यूट्रीशन की चपेट में आने के बाद बच्चे गंभीर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में परिजन उन्हें लेकर इलाज के लिए रिम्स में आते हैं। पेडियाट्रिक वार्ड में सीवियर माल न्यूट्रीशन के एक दर्जन बच्चे हर महीने पहुंच रहे हैं, जिन्हें इलाज के बाद दवा दी जाती है। वहीं स्पेशल डाइट भी उन्हें उपलब्ध कराया जाता है, जिससे यह साफ है कि खाने में थोड़ी भी लापरवाही आपको इस गंभीर बीमारी की चपेट में ला सकती है।

350 से अधिक बच्चों को मिला सप्लीमेंट

डोरंडा के अरबन हेल्थ सेंटर में माल न्यूट्रीशन से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाया गया है, जहां बच्चों की स्पेशल केयर की जाती है। वार्ड में केवल बच्चों के पेरेंट्स को जाने की परमिशन होती है। वहीं उन्हें डाइट में खाने के अलावा सप्लीमेंट भी दिए जाते हैं ताकि बच्चे जल्दी रिकवर हो। चूंकि कई बार अच्छा खाना मिलने के बावजूद बच्चों को जरूरी सप्लीमेंट नहीं मिल पाता। अब तक इस सेंटर में 350 से अधिक बच्चों का इलाज किया जा चुका है।

ये हैं लक्षण

वीकनेस

लूज मोशन

वॉमिटिंग

स्किन ड्राइ

चलने में परेशानी

डाइट में लें

प्रोटीन

मिल्क बेस्ड डाइट

अंडा

दूध

दही पनीर

छेना

सब्जी

मिनरल्स

वर्जन

सीवियर माल न्यूट्रीशन हाल के दिनों में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे बच्चे तो ढंग से बोल भी नहीं पाते तो खड़े रहना तो दूर की बात है। उनके लिए हमें डाइट चार्ट बनाना होता है जिससे कि उनके रिकवरी के लिए जरूरी कैलोरी मिल जाए। चूंकि ज्यादा खाने से केवल बच्चा ठीक नहीं होता। ग्रोथ के लिए उन्हें जरूरी सप्लीमेंट भी चाहिए। इसलिए पेरेंट्स को कोई भी लक्षण दिखे तो तत्काल डॉक्टर से कंसल्ट करें।

-कुमारी मीनाक्षी, डाइटीशियन, रिम्स

Posted By: Inextlive