सीने में दर्द की शिकायत के चलते सुबह शाहजहांपुर से लखनऊ पीजीआई में एडमिट कराया गया था। एंजियोग्राफी के दौरान कोई ब्लॉकेज नहीं मिला। वहां से जल्द ही उनकी छुट्टी हो सकती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। छात्रा से दुष्कर्म के आरोपों में घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को जेल के हालात रास नहीं आ रहे। शायद यही वजह है कि उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। सोमवार सुबह उन्हें आनन-फानन राजधानी के एसजीपीजीआई के आईसीयू में एडमिट किया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर्स ने उनकी एंजियाग्राफी की। पर, धमनी में कोई ब्लॉकेज नहीं निकला। अब डॉक्टर उन्हें जल्द छुट्टी देने का दावा कर रहे हैं, जिसके बाद उन्हें फिर से शाहजहांपुर जेल ले जाया जाएगा।सभी जांचों में निकले फिट
चिन्मयानंद ने सीने में दर्द की शिकायत थी। शाहजहांपुर के डॉक्टरों की सलाह पर एंजियोग्राफी के लिए लखनऊ रेफर किया। पीजीआई के सीएमएस डॉक्टर अमित अग्रवाल के मुताबिक, सोमवार पूर्वान्ह 11.45 बजे चिन्मयानंद को भर्ती किया गया। यहां आईसीयू में शिफ्ट कर ईसीजी-ईको जांच की गई। हृदय रोग विभाग के प्रमुख प्रो। पीके गोयल की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। शाम तीन बजे के करीब चिन्मयानंद को एंजियोग्राफी के लिए कैथ लैब में शिफ्ट किया गया। प्रो। पीके गोयल ने एंजियोग्राफी की। उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद की धमनी में ऐसा ब्लाकेज नहीं निकला, जिसके लिए स्टेंट (एंजियोप्लास्टी) लगाया जाए। धमनी में थोड़ा कैल्शीफिकेशन है जो दवा से नियंत्रित रहेगा। उन्हें लंबे समय से डायबिटीज है, इसलिए शुगर कंट्रोल के साथ दिल की कुछ दवाएं चलाई जाएंगी। मंगलवार या बुधवार को उनको अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है।क्या होती है एंजियोग्राफीकैथ लैब में मरीज को लोकल एनेस्थीसिया दी जाती है। डॉक्टर हाथ या जांघ की नस में छोटा चीरा लगाते हैं। इसमें कैथेटर डालकर हृदय की धमनियों तक पहुंचते हैं। इस प्रक्रिया से धमनियों में अवरोधों का पता लगाया जाता है। विजुअल देखकर अवरोध को स्पष्ट रूप से भी डॉक्टर देखते हैं। अवरोध को दूर करने के लिए स्टेंट लगाया जाता है, जिसे एंजियोप्लास्टी कहते हैं।lucknow@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra