अक्‍सर लोग कहते हैं कि रोग का इलाज सिर्फ दवा है। दवा से ही हर बीमारी को खत्‍म किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। शिमला की हसीन वादियों से 50 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा मंदिर हैं जहां पर नतमस्‍तक होने पर बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो जाती है। इस मंदिर में लंबे समय से भक्‍तों की लंबी लाइन लगती आ रही है

चारों ओर पेड़ पौधे
शिमला के दालणा में स्िथत शाली माता मंदिर काफी मशहूर हैं। यहां पर बड़ी दूर-दूर से लोग अपने रोग ठीक कराने आते हैं। अब आप ये सोंच रहे होंगे कि भला मंदिर में रोग कैसे ठीक हो सकते हैं। यहां पर कौन से डॉक्टर उपचार करते हैं, तो बतादें कि यहां पर कोई डॉक्टर नहीं बल्कि देवी माता रोग ठीक करती हैं। शिमला की वादियों से करीब 50 किलोमीटर की दूर स्िथत माता शाली देवी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ होती है। ये माता माता भीमा काली के स्वरूप में भी हैं। मंदिर के चारों ओर पेड़ पौधे हैं। यहां पर लंबे समय से लोगों की भीड़ होती आई है। यहां पर आने वाले भक्तों की आस्था होती है कि बिना दवा के यहां आकर गंभीर से गंभीर रोग ठीक हो जाते हैं। लोग बस इसके लिए माता रानी के सामने झुकते हैं और अपनी बीमारी ठीक करने की विनती करते हैं।


यहां पर स्थापित किया

इतना ही नहीं यहां पर दूर से आने वाले करीब 200 से 250 श्रद्धालु रुकते भी हैं। यहां के क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि दलाणा गांव के एक विद्वान पंडित एक बार सराहन गए थे। इस दौरान वहां पर उन्हें माता रानी की यह प्रतिमा मिली थी। पंडित जी वह मूर्ति वहां से लेकर दालणा आ गए और उसे यहां पर स्थापित कर दिया। इसके बाद उन्हें माता रानी ने आदेश दिया कि 9420 ऊंचाई वाली चोटी शाली में मां का मंदिर बनवाया जाए। जिस पर यहां पर छोटे से मंदिर का निर्माण हुआ। हालांकि समय के साथ इस मंदिर का भाग बढ़ गया है। यहां पर अब तक कई विकास कार्य आदि किए गए हैं। अब तक यहां से बड़ी संख्या में लोगों को मां के चमत्कार से फायदा हुआ है।

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Posted By: Shweta Mishra