शनिवार को शुभ संयोग में पड़ रही है शनिचरी अमावस्या, छह महीने तक रहेगा अनुकूल प्रभाव

ALLAHABAD: शनि की साढ़े साती का नाम आते ही लोगों के मन में अनहोनी की आशंका घर करने लगती है। लेकिन शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। अगर शनिवार के दिन शनि अमावस्या पड़ती है तो जातकों की समस्या शनिदेव की विधि विधान से पूजा करने से दूर हो जाती है। इस बार शनिवार को शुभ संयोग के साथ शनिचरी अमावस्या का संयोग बना है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि इस अमावस्या का असर छह महीने तक जातकों पर रहेगा। इस संयोग में जिस किसी पर साढ़े साती या ढैय्या चल रही है उसका प्रभाव कम हो जाएगा।

शास्त्रों में वर्णित है कि शनिदेव व पवनसुत हनुमान एक-दूसरे के मित्र हैं। जो शनिचरी अमावस्या को बहुत खास बना रहा है। इसका सभी 12 राशियों के जात कों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पं। विनय कृष्ण तिवारी, ज्योतिषाचार्य

राशि के अनुसार उपाय

मेष : इस राशि के जातक शनिदेव को तेल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

वृष : आसन पर बैठकर शनिदेव का ध्यान और सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं।

मिथुन : सूर्योदय से पहले स्नान और स्टील के बर्तन में शनिदेव का ध्यान कर दीपक जलाएं।

कर्क : अमावस्या के दिन पीपल देवता पर सुबह-सुबह जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के समय दीपक जलाएं।

सिंह : सवा किलो गेहूं लाल कपड़े में बांधकर पूजा स्थान पर रखें और शनिदेव से मुक्ति का आग्रह करें।

कन्या : काली उड़द की दाल गरीबों में वितरित करें और चौमुखा दीपक जलाएं।

तुला : कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं और काली चीजों का दान करें।

वृश्चिक : शनि अमावस्या पर शनि मंदिर जाकर शमी के पेड़ की पूजा करें।

धनु : सवा किलो चने की दाल का दान करें और पीपल देवता की परिक्रमा करें।

मकर : 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

कुंभ : शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।

मीन : सवा लीटर सरसों का तेल स्टील के पात्र में भरकर शनि मंदिर में दान करें।

Posted By: Inextlive