Varanasi: गंगा सेवा अभियानम् को मजबूती देने के लिए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शुक्रवार की दोपहर काशी पहुंचे. एयरपोर्ट पर भक्तों के भव्य स्वागत के बाद श्री विद्या मठ पहुंचे शंकराचार्य ने गंगा के लिए तपस्वियों की ओर से की जा रही तपस्या को तपस्वियों की गंगा के प्रति भावना बताया. इस दौरान अपने गुरू के काशी आगमन की खबर लगने के बाद मंडलीय अस्पताल में भर्ती तपस्वियों ने शंकराचार्य को अस्पताल न आने का अनुरोध किया है.


गुरू नहीं शिष्य आते है पासअस्पताल में भर्ती तपस्यारत गंगा प्रेमी भिक्षु, ब्रह्मचारी कृष्णप्रियानंद, साध्वी पूर्णांबा, शारदांबाव कर्मसन्यासी योगेस्वारानंद ने अपने गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद से अस्पताल न आने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि हमेशा गुरु के पास शिष्य जाता है न की गुरु शिष्य के पास आता है। शुक्रवार की दोपहर बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे शंकराचार्य स्वरूपानंद को एयरपोर्ट पर रिसीव करने भक्तों की भारी भीड़ पहुंची थी। यहां पर हुए भव्य स्वागत के बाद श्री विद्या मठ पहुंचे शंकराचार्य ने पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि गंगा को लेकर चल रहा अभियान बहुत वृहद रुप में पहुंच चुका है। इसलिए गंगा के लिए जो भी तपस्वी तप कर रहे है मैं उनसे बातचीत करने के बाद कोई निर्णय करुंगा। जिन लोगों ने गंगा के लिए जल त्यागा है ये उन लोगों की भावना है मां के प्रति। इसलिए कोई फैसला लेना जल्दबाजी हो सकती है।


एक हजार ब्राह्मण करेंगे गंगा लहरी का पाठ

गंगा सेवा अभियानम् की ओर से जारी अविछिन्न गंगा तपस्या के 162 दिन पूरे होने पर शनिवार को एक हजार आठ वैदिक विद्वान गंगा लहरी का सामूहिक पाठ करेंगे। गुरुधाम चौराहे पर सुबह साढ़े नौ बजे इकठ्ठा होने के बाद सभी ब्राह्मण पदयात्रा कर शंकराचार्य घाट पर पहुंचेंगे। यहां पर पहुंचने के बाद तपस्या स्थल सामूहिक पाठ शुरू किया जायेगा।

Posted By: Inextlive