Navratri 2022 Day 2: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना होती है। ऐसे में आइए यहां जानें मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप और उनके महात्म भोग और आरती के बारे में...

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Maa Brahmacharini Puja Vidhi, Color, Mantra, Aarti: शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्रि के नाै दिन देवी के नाै स्वरूपों की पूजा होती है। इस तरह से नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह देवी दायें हाथ में जप की माला है एवं बायें हाथ में कमंडल धारण किये हुए है। ब्रह्मचारिणी की पूजा आदि के बाद चीनी का भोग लगाएं। इसके बाद उसे प्रसाद स्वरूप घर के सभी सदस्यों को भी दें। इससे आयु में वृद्धि होती है।

ब्रह्राचारिणी का महात्म
ब्रह्राचारिणी का अर्थ है नियम संयम एवं ब्रह्राचर्य का पालन करना है। वहीं जिन लोगों का मन चंचल है मन अस्थिर है किसी कार्य में मन नहीं लगता है। मन में ढेर सारे बुरे विचार आने लगते है तो इन बुराइयों से मुक्ति पाने के लिए ब्रह्राचारिणी की पूजा सार्थक होगी। मां ब्रह्राचारिणी की पूजा से दृढ़ इच्छा शक्ति बलवती होती है। मन को नियंत्रित रखने की क्षमता बढ़ती है। मां का यह स्वरूप भटकते मन को एकाग्र करने में सहायक होता है। एकाग्र मन से भक्त के जीवन में स्थिरता आती है और भक्त अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है। मां का आशीर्वाद भक्त को निरन्तर मिलता रहता है।

ब्रह्मचारिणी
दघाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

ब्रह्माचारिणी देवी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

Posted By: Shweta Mishra