Navratri 2022 Day 3 : देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा देवी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन जानें पूजन विधि भोग व आरती के बारे में...

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Maa Chandraghanta Puja Vidhi, Color, Mantra, Aarti: शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा स्वरूप के पूजन का विधान है। मां चंद्रघंटा की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में उन्नति, धन, स्वर्ण, ज्ञान व शिक्षा की प्राप्ति होती है। देवी के इस तीसरे स्वरूप को दिन दूध से बनी मिठाई का भोग मां लगाने से दुःखों से मुक्ति मिलती है। जीवन में खुशियों का आगमन होता है। भक्तों की मन की सभी इच्छायें पूर्ण होती है
माता चंद्रघंटा का महात्म
चंद्रघंटा देवी की पूजा से मन में शांति का भाव आता है। ये भक्तगण के मन में शांत सद्भाव बढ़ाने वाली माता है। इनकी पूजा से मन में उठे कुविचारों का नाश होता है। चंद्रघंटा देवी की पूजा से अलौकिकता एवं अध्यात्मिकता का दर्शन होता है। चंद्रघंटा मां की कृपा से भक्त के चारों तरफ अच्छे लोगों के साथ रहने एवं एक दूसरे को सहयोग करने का योग बनता है। आस-पास का वातावरण शुद्ध होता है जिससे मन प्रसन्नचित एवं शांत होता है। मां भक्त के मन में बने लक्ष्य को पूरा करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करती है।
माता चंद्रघंटा का मंत्र
पिण्डजाप्रव रारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुतं मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

माता चंद्रघंटा की आरती

पूर्ण कीजो मेरे काम

चंद्र समान तू शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत बनाने वाली

मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता

पूर्ण आस करो जगदाता

कांची पुर स्थान तुम्हारा

करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटू महारानी

'भक्त' की रक्षा करो भवानी

Posted By: Shweta Mishra