Navratri 2022 Day 4 : चाैथे दिन होती है कूष्मांडा देवी की पूजा, जानें मां की आरती भोग व मंत्र
डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Maa Kushmanda Puja Vidhi, Color, Mantra, Aarti: नवरात्रि के चाैथे दिन देवी मां की कुष्मांडा देवी के रुप में पूजा की जाती है। देवियों में इस मां का स्वरूप बहुत ही तेजस्वी है यह मां सूर्य के समान तेज वाली है। चाैथे नवरात्रि में देवी मां को माल-पुए का भोग लगाना चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा इस दिन मंदिर में ब्राह्मणों को दान करने से बुद्धि का विकास होता है और जीवन में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
कूष्मांडा मां का महात्म
अपनी शक्ति से संपूर्ण ब्रह्राण्ड को नियंत्रण करने वाली है। यह भक्तगण के अन्दर अत्यधिक साहस भरती है। अत्यधिक साहस से ओत-प्रोत होकर भक्तगण हर कार्य को पूरा करने में सफल होते है। ये अत्यधिक आंतरिक शक्ति का निर्णाण करने वाली मां है। यह भक्त को निरन्तर क्रियाशील बनायें रखने वाली मां है। रिद्धि-सिद्धि को देने वाली मां है। भक्त को आर्थिक ऊंचाईयों पर ले जाने में निरन्तर सहयोग करने वाली है। इस मां के आशीर्वाद से आर्थिक स्थितियां अधिक मजबूत होती है। घर से दरिद्रता दूर होती है।
मां कुष्मांडा देवी का मंत्र
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।
मां कुष्मांडा की आरती
चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है
इस शक्ति के तेज से कहीं छाव कही धुप॥ कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार। पेठे से भी रीज्ती सात्विक करे विचार॥
क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार। उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥ सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां। नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥ जय मां कुष्मांडा मैया। जय मां कुष्मांडा मैया॥