अठारह साल से नहीं बन पा रहा पासपोर्ट
वीडियो कांफ्रेंसिंग में केवल तीन लोग ही पहुंचे
एसएसपी ऑफिस में पासपोर्ट प्रॉलम शॉर्ट आउट करने के लिए आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में केवल तीन लोग ही पहुंचे। बागबेड़ा के अभिनव कुमार, हुरलूंग के शशिशेखर और अमित कुमार ने अपनी प्रॉलम रखी। इनमें शशिशेखर की प्रॉलम पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। शशिशेखर के रिलेटिव्स सिंगापुर में रहते हैं और वे उनसे मिलने के लिए वहां जाना चाहते हैं, लेकिन वर्ष 1998 से किए जा रहे प्रयास के बावजूद अब तक उनका पासपोर्ट नहीं बन सका है। पहली बार 1998 और दूसरी बार वर्ष 2012 में किया apply
पहली बार शशिशेखर ने वर्ष 1998 में पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया था। उनके पासपोर्ट बनने में देरी हुई और तब तक वर्ष 2000 में झारखंड, बिहार से अलग हो गया। इस दौरान उनका डॉक्यूमेंट्स मिसप्लेस हो गया। इसके बाद काफी प्रयास के बावजूद कुछ नहीं हो सका। बाद में 15 नवंबर 2012 में एक बार फिर से उन्होंने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया। SSP से मांगी report
बाद में जब पुलिस वेरीफिकेशन हुआ था लोकल थाना ने यह कहते हुए उनके बारे में एडवर्स रिपोर्ट दे दिया कि शशिशेखर के खिलाफ 107 का केस चल रहा है। इसके बाद फिर मामला लटक गया। उन्हें आरपीओ, रांची जाने को कहा गया। इसके बाद उन्होंने आरपीओ को लेटर भी लिखा, लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला। पूरा मामला सामने आने के बाद डीजीपी राजीव कुमार ने एसएसपी रिचर्ड लकड़ा से पूरे मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। 21 से 25 दिन में भेजी जा रही report पासपोर्ट ऑफिस से 21 से 25 दिनों में पूरी रिपोर्ट भेज दी जा रही है। इस कारण यहां पेंडिंग मामले नहीं हैं। इन्फॉर्मेशन के मुताबिक कई बार एड्रेस वेरीफिकेशन में प्रॉलम होने के कारण भी देर होती है। इसका कारण यह है कि अड्रेस सही नहीं लिखा होता। Daily आते हैं 60 applications एसएसपी ऑफिस स्थित पासपोर्ट ऑफिस में पासपोर्ट बनाने वालों की संख्या बढ़ी है। यहां डेली करीब 60 लोग पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं। पासपोर्ट ऑफिस द्वारा बेहतर काम करने का ही रिजल्ट है कि यहां पेंडेंसी कम है और सबमिशन रेट बेहतर। Report by : jamshedpur@inext.co.in