शीना बोरा मर्डर केस में हो गई है पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी। वहीं पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी के साथ ही मुंबई पुलिस पर खड़े हो गए हैं कई बड़े सवाल। इसमें पहला और सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सीबीआई को पीटर मुखर्जी के खिलाफ ऐसा कौन सा सबूत अचानक से मिल गया कि पुलिस को पीटर को गिरफ्तार करना पड़ा। बड़ी बात ये भी है कि पीटर को ठीक उस दिन गिरफ्तार किया गया जब उसने पहले से गिरफ्तार तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

ऐसी है जानकारी
सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो पता चलता है कि इंद्राणी से पूछताछ के बाद ही पीटर की गिरफ्तारी की जमीन तैयार की गई। याद दिला दें कि मुंबई पुलिस से कई दिन की पूछताछ में भी पीटर ने शीनाबोरा की हत्या की जानकारी से इनकार किया था। इसको लेकर पीटर ने यह भी कहा था कि उसे अभी तक यही वाकई पता था कि शीना उनकी पत्नी इंद्राणी की बेटी है। इन्द्राणी ने उसे अपनी छोटी बहन के तौर पर मिलवाया था।
दूसरा पेंच फंसा यहां
इसके इतर ये भी जानकारी मिल रही है कि पीटर की यही दलील सीबीआई को समझ में नहीं आई, इसलिए क्योंकि शीना बोरा के अचानक लापता होने के बाद पीटर ने उसे तलाशने की जरा भी कोशिश नहीं की। उन्होंने सिर्फ इंद्राणी की बात पर भरोसा किया कि शीना हमेशा के लिए अमेरिका चली गई है। अब यहां दूसरा पेंच ये भी फंसता है कि शीना पीटर को भले कुछ न बताए, लेकिन पीटर के बेटे और अपने प्रेमी राहुल मुखर्जी को जरूर इस बारे में बताती, लेकिन बड़ी बात यही है कि उसने राहुल को भी कुछ नहीं बताया।
इस पर भी पीटर ने नहीं किया शक
अगली बात ये है की 24 अप्रैल 2012 को राहुल ही वह इंसान था, जो शीना को इंद्राणी की कार तक छोड़ने गया था। इसके बाद अचानक शीना के लापता होने से परेशान होकर उसने मुंबई के अलग-अलग थानों में लापता होने की शिकायत भी दर्ज करानी चाही थी, लेकिन उस समय पुलिस ने भी इंद्राणी की बात पर विश्वास कर शिकायत दर्ज नहीं की। बताया ये भी जाता है कि राहुल ने पीटर को एक बार पूछा भी था कि शीना का पासपोर्ट उसके पास है, फिर भला वह अमेरिका कैसे जा सकती है। उस समय इस बात का जवाब इंद्राणी ने कहकर दिया था कि शीना ने नया पासपोर्ट बनवा लिया है। यहां ये सुई घूमती है कि कम से कम तब पीटर को इंद्राणी पर शक करना चाहिए था, लेकिन पीटर ने उस समय तो राहुल को ही डांटकर चुप करा दिया था।
इसलिए आए पीटर शक के घेरे में
इतना ही नहीं शीना की हत्या के बाद उसका शव ले जाने के लिए भी किराए की जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, उस कार एजेंसी एएम मोटर का मालिक भी पीटर का दोस्त ही है। इसके अलावा कार भी पीटर के नाम से ही बुक थी। इसका मतलब ये है कि कई ऐसी बातें हैं, जो पीटर मुखर्जी को संदेह को घेरे में लाती हैं। वहीं गिरफ्तार करने के बाद अब सीबीआई यह जानने में लगी हुई है कि पीटर को शीना की हत्या की जानकरी वारदात को अंजाम देने के पहले से मिली थी या फिर बाद में। अब यहां अगर पहले से जानकारी होगी तो पीटर हत्या की साजिश के आरोपी बन सकते हैं।

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Posted By: Ruchi D Sharma