कांग्रेस में जारी है राहुल पर विवाद
या तो सभी सर्मथन करें या सभी खिलाफ हरें तो शायद ये फैसला लेना आसान हो जाए कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यहक्ष बनाया जाए या नहीं पर सिचुएशन इससे बिलकुल अलग है. कांग्रेस उपाध्यक्ष की ‘आत्मचिंतन की छुटिट्यों’ से वापस आने के पहले पार्टी में सोनिया बनाम राहुल की लड़ाई तेज हो गई है. चुनौती के सामने खड़ी पार्टी को छोड़ 55 दिनों से राजनीतिक अवकाश पर चल रहे उपाध्यक्ष के ‘कहां हैं’ संबधी सवालों से खीझी कांग्रेस में दो धड़े बन गए हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर सवाल खड़ा करने वालों में लोकसभा में उपनेता अमङ्क्षरदर सिंह, पार्टी महासचिव अंबिका सोनी व प्रवक्ता संदीप दीक्षित के बाद मंगलवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी शामिल हो गईं. दरअसल, सोनिया समर्थक राहुल के राजनीतिक अनुभव को निशाना बनाकर उनकी ताजपोशी रोकने को मुखर विरोध कर रहे हैं, जबकि ‘टीम राहुल’ उन्हें वापसी के साथ अध्यक्ष बनाने को आतुर है.
शीला ने राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘राहुल का कद बढ़ सकता है, लेकिन हमें एक बात समझनी चाहिए कि सोनिया गांधी का नियंत्रण और नेतृत्व बहुत सफल रहा है. राहुल के मामले में, निश्चित तौर पर प्रश्नचिन्ह लगा है. आपने अब तक उनका प्रदर्शन नहीं देखा है.’ हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके कहने का आशय था, ‘सोनिया गांधी एक अच्छी अध्यक्ष हैं, जबकि ‘राहुल गांधी एक अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे.’उनसे पहले अमरिंदर भी सोनिया को बेहतर अध्यक्ष बता चुके हैं. उन्होंने राहुल को देश भ्रमण कर और अनुभव लेने की नसीहत दी थी. अंबिका सोनी ने विपक्ष में खड़ी पार्टी की वापसी के लिए सोनिया के नेतृत्व पर विश्वास जताया था. संदीप दीक्षित भी राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं.दूसरी ओर, राहुल के करीबी माने जाने वाले पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने तो उनकी वापसी को पार्टी के साथ देश के लिए बेहतर बताया. रमेश ने अहमदाबाद में कहा, ‘राहुल की वापसी पार्टी के साथ देश के लिए फायदेमंद साबित होगी.’ कांग्रेस में चल रही उठापटक पर भाजपा ने चुटकी ली है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा राहुल की ताजपोशी को कांग्रेस का अंदरूनी मामला मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि कांग्रेस में भी राहुल का साथ देने वाले ज्यादा नही हैं.’दिग्विजय ने भी दी नसीहत कहा पार्ट टाइम जॉब नहीं है राजनीति
वहीं अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने राहुल को नसीहत दे डाली है. उन्होंने कहा है कि राहुल को राजनीति में और ज्यादा स्टेंड लेते हुए दिखाई देना चाहिए और इसे पार्ट टाइम जॉब की तरह नहीं लिया जा सकता. हालाकि दिग्गी राजा को लगता है कि अब राहुल के लीड करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार इसलिए हुई क्यों कि राहुल खुद को उस तरह प्रोजेक्ट नहीं कर सके, जैसे नरेंद्र मोदी ने किया. लोकसभा चुनावों के समय उन्हें और आक्रामक होना चाहिए था. उन्हें मुद्दों पर मीडिया से बात करनी चाहिए थी. अब राहुल को मजबूती से सामने आना चाहिए और सभी बड़े मुद्दों पर लोगों से जुड़ना चाहिए. उन्हें कोई भी नहीं रोक रहा है, अब यह संदेश देने का वक्त आ गया है कि वह ही कांग्रेस को हर तरह से लीड कर रहे हैं.
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