अगर शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा का जल्‍दी ही अंत संभव है क्‍योंकि भाजपा से संबंधित भारतीय प्रधानमंत्री के लिए पाकिस्‍तानी जमीन पर उतरना शापित है और उसे ये महंगा पड़ता है।


पाक जमीन को चूमना महंगा साबित होगाकेंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा की आलोचना की है। उसने भारतीलय प्रधानमंत्री के पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक कहे जा रहे कदम के लिए कहा है कि भारतीयों के खून से सनी पाकिस्तान की जमीन को चूमना महंगा साबित होगा। उसने मोदी को याद दिलाया कि इस पड़ोसी देश से ‘अधिक नजदीक’ होने का प्रयास करने पर भाजपा के दिग्गज नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक ग्राफ नीचे चला गया।अतीत में ऐसा ही हुआ है
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि ऐसी आम मान्यता रही है कि अतीत में पाकिस्तान के बहुत निकट होने की कोशिश करने वाला नेता लंबे समय तक राजनीति में नहीं रह पाया। आडवाणी एक बार (मोहम्मद अली) जिन्ना के मजार पर गए थे और उनकी प्रशंसा की थी। इसके बाद उनका राजनीतिक ग्राफ गिरने लगा और आज उन्हें किनारे कर दिया गया है। शिवसेना ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने लाहौर बस यात्रा और आगरा में परवेज मुशर्रफ के साथ बातचीत की। इसके बाद वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सरकार कभी सत्ता में नहीं आई। शिवसेना ने लाखों निर्दोष भारतीयों के खून से सनी पाकिस्तान की भूमि को शापित बताया।यात्रा के निर्णय पर उठाया सवाल पार्टी ने प्रधानमंत्री के अचानक पाकिस्तान जाने पर भाजपा की प्रतिक्रिया को लेकर भी सवाल उठाया। उसने पूछा कि इस तरह कांग्रेस का कोई प्रधानमंत्री अचानक लाहौर उतरा होता तो क्या भाजपा उसी तरह स्वागत करती जैसा मोदी के लिए किया।

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Posted By: Molly Seth