पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज शोएब अख्तर ने 2003 वर्ल्डकप में भारत के हाथों मिली हार से जुड़ा बड़ा खुलासा किया। शोएब का कहना है कि उस दिन मैच में वह सुन्न पैर के साथ गेंदबाजी कर रहे थे जिसके चलते भारत मैच जीत गया।


कानपुर। दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार रहे शोएब अख्तर ने 2003 वर्ल्डकप में भारत बनाम पाकिस्तान मैच से जुड़ा एक रोचक किस्सा बताया है। अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस मैच से जुड़े कुछ खुलासे किए। अख्तर का कहना है यह उनके लिए कभी नहीं भूूलने वाला मैच था जिसमें वो भारत को आसानी से हरा सकते थे मगर उनके 'खराब पैर' ने उनका साथ नहीं दिया। शोएब कहते हैं, मैच से एक दिन पहले उनके बाएं पैर के घुटने में कई इंजेक्शन लगे थे जिसके चलते अगले दिन उनका पैर सुन्न पड़ गया था।2003 वर्ल्डकप की कड़वी यादें


43 साल के हो चुके शोएब अख्तर ने उस मैच से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए कहा, '2003 वर्ल्डकप में सेंचुरियन में हमारा भारत के खिलाफ एक मैच था। मैच वाले दिन हमारी किस्मत अच्छी थी कि टीम ने 273 रन बनाए। हालांकि जब पारी खत्म हुई तो मैंने अपने साथी खिलाड़ियों से कहा कि शायद हम 30-40 रन पीछे रह गए। सभी मेरी बात सुनकर हैरान हुए और कहा कि 273 रन काफी बड़ा स्कोर होता है इसे हम डिफेंड कर लेंगे। मगर मुझे अंदर से लग रहा था कि पिच काफी अच्छी है।'पैर हो गया था सुन्न

अख्तर आगे कहते हैं, 'खैर हिंदुस्तान की टीम बैटिंग करने आई और गेंद मेरे हाथों में थी। मैं जैसे ही बाॅलिंग करने आगे बढ़ा, मैंने महसूस किया कि मेरे बाएं पैर ने काम करना बंद कर दिया है। एक दिन पहले इंजेक्शन लगने के चलते पैर सुन्न हो चुका था। मेरा दांया पैर तो जमीन पर लग रहा था मगर बाएं पैर का कुछ पता नहीं कि वो कहां जा रहा है। खैर मैंने कोशिश करके गेंदबाजी शुरु की और तब तक भारतीय बल्लेबाजों ने चार्ज लेना शुरु कर दिया। सचिन ने प्वाॅइंट पर मुझे छक्का मारा।'फिटनेस ने छोड़ दिया साथ

वर्ल्डकप में जहां भारत-पाक मैच में खिलाड़ी अपनी जान झोंक देते हैं। ऐसे मुकाबले में अख्तर का इस तरह हथियार डालना टीम इंडिया के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं था। अख्तर आगे बताते हैं, 'एक तरफ भारतीय बल्लेबाज ताबड़तोड़ रन बना रहे थे, वहीं दूसरी तरफ मेरा पैर काम नहीं कर रहा था। मैंने ये बात अपने कप्तान (वकार यूनुस) को बताई, उन्होंने भी मुझे बाॅलिंग से हटाने का फैसला लिया और खुद गेंदबाजी करने लगे। मगर इससे मेरी परेशानी दूर नहीं हुई, आखिर में जब फिर से मेरी बारी आई तो इस बार भी कहानी वैसी ही थी, पैर सुन्न था। बाद में मैंने पैर पर ध्यान देना छोड़ दिया। मैं सिर्फ तेज गेंदबाजी कर रहा था और सामने सचिन तेंदुलकर का सिर दिखाई दे रहा था। एक बाउंसर पर सचिन ने बल्ला लगाया और वो 98 रन पर आउट हो गए। तब मुझे याद आया कि मैंने पहले ऐसी गेंदबाजी क्यों नहीं की।'टेस्ट में पांचों दिन बल्लेबाजी करने वाले ये हैं 10 बल्लेबाज, इसमें दो भारतीय भीआज तक है इस बात का पछतावाइस मैच में 72 रन देकर सिर्फ एक विकेट लेने वाले अख्तर को आज भी इस बात का पछतावा है कि वो जीता हुआ मैच हार गए। शोएब कहते हैं, 'यह काफी कड़वा अनुभव था क्योंकि हम 1999 और 2003 में भारत को आसानी से हरा सकते थे मगर ऐसा नहीं हो सका। मेरी खराब फिटनेस और वकार की कप्तानी फेल रही और हम मैच हार गए। इस बात का मुझे आज तक अफसोस है। मगर इस जीत का श्रेय भारत को दिया जाना चाहिए, वह सालों से लगातार अच्छा खेलते आ रहे।' बता दें वर्ल्डकप में भारत बनाम पाकिस्तान के बीच कुल सात मुकाबले खेले गए और हर बार टीम इंडिया को जीत मिली।
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari