शोभा डे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश हुआ
महाराष्ट्र विधानसभा में फेमस पेज थ्री सोशलाइट और लेखिका शोभा डे के खिलाफ विशेषाधिकार के हनन का प्रस्ताल लाया गया है क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र के मल्टीफ्लेक्सेज में छह से नौ के शो में मराठी फिल्मों को दिखाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की खिल्ली उड़ाते हुए ट्वीट किए थे. उन्होंने लिखा था कि 'देवेंद्र डिक्टेटवाला फडऩवीस ने फिर वही किया. गोमांस से मूवी तक. ये वह महाराष्ट्र नहीं है, जिसे हम सब प्यार करते हैं. नको, नको. ये सब रोको.’
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मराठी सिनेमा अच्छा है. यह कुछ महान फिल्में देता है. इसे पूरे महाराष्ट्र में बढ़ावा दिया जाना चाहिए. सरकार उन्हें सब्सिडी दे सकती है. उनके लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर सकती है. वितरण और मार्केटिंग में मदद कर सकती है. यहां तक कि उन्हें दिखाने के लिए मल्टीप्लेक्स भी किराए पर ले सकती है, लेकिन मराठी सिनेमा को इस तरह अनिवार्य नहीं बना सकती.’ शोभा डे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखती हैं कि 'मुझे निर्णय लेने दें देवेंद्र फडऩवीस कि मैं मराठी सिनेमा कब और कहां देखूं. यह कुछ नहीं, सिर्फ दादागिरी है.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मुंबई के मल्टीप्लेक्स में पॉपकॉर्न अब और नहीं. सिर्फ दही मिसल और वड़ा पाव.’ बता दें कि ये महाराष्ट्र के व्यंजन माने जाते हैं.
शोभा डे की ट्विटर पर की टिप्पणियों को मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के अपमानजनक मानते हुए शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने उनके खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया. शोभा डे को इसका नोटिस भेज दिया गया है. हालांकि नोटिस जारी होने के बाद शोभा डे रुकी नहीं. उन्होंने एक और ट्वीट किया, ‘अब एक विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव हमसे माफी की मांग कर रहा है. कम ऑन. मैं एक गर्वीली महाराष्ट्रियन हूं और मराठी फिल्में देखना पसंद करती हूं. हमेशा से हूं और हमेशा रहूंगी.’
अब विधानपरिषद में फडऩवीस के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
इस सबके बीच भूमि अधिग्रहण अधिनियम की अधिसूचना को लेकर बुधवार को महाराष्ट्र विधानपरिषद में कांग्रेस विधायक माणिकराव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस के खिलाफ भी एक विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया. ठाकरे ने चालू सत्र के दौरान (13 मार्च) को भूमि अधिग्रहण अधिनियम की अधिसूचना जारी करने पर आपत्ति जताई है. ठाकरे ने कहा, ‘सदन के चालू रहने के दौरान आप कैसे अधिसूचना जारी कर सकते हैं. सदस्यों तक को भी इससे अवगत नहीं कराया गया.’
सामना में शिवसेना के निशाने पर शोभा
उधर मुंबई के मल्टीप्लेक्स में मराठी फिल्मों को प्राइम टाइम में दिखाने का विरोध करने पर शोभा डे को शिवसेना ने भी आड़े हाथों लिया है. पार्टी के मुखपत्र सामना में शोभा के बयान को महाराष्ट्र का अपमान बताया गया है. सामना में छपे लेख में शोभा के लिए विवादास्पद भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा है कि शाबाश शोभा आंटी शाबाश. महाराष्ट्र में जन्म लेकर आप मराठी के प्रति बहुत अच्छी फर्ज अदायगी कर रही हो. शोभा आंटी का ट्विटर पर ट्यूं-ट्यूं करना महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है.
सामना आगे कहता है कि मराठी की जड़ पर कुछ मराठी लोग ही काल बनकर आएं तो क्या किया जाए? लेकिन अगर दादागीरी के बारे में आंटी बात कर रही हैं तो बताना जरूरी है कि इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज और वर्तमानमें शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने दादागीरी नहीं की होती तो शोभा आंटी के पहले और अब की पीढ़ियां पाकिस्तान में जन्मी होतीं और हो सकता था कि तब पेज थ्री की पार्टी उन्हें बुर्के में ही मनानी पड़ती. उन्होंने ये भी कहा कि शोभा का मुंह बंद करने के लिए उसमें बड़ा पाव या मिसल पाव ठूंस दो.