-ऑनलाइन कार बेचने के नाम पर लाखों ठगे

-क्यूआर कोड भेजकर भी की ऑनलाइन ठगी

बरेली: ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए आरबीआई क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने जा रहा है लेकिन इसके बाद भी साइबर ठगी रुकने का नाम नहीं ले रही है। साइबर ठग हर बार कोई न कोई नया तरीका निकालकर फ्रॉड कर रहे हैं। सैटरडे को ऑनलाइन ठगी के दो मामलों की एफआईआर दर्ज की गई है। एक मामले में ऑनलाइन कार खरीदने के नाम पर हजारों रुपए का फ्रॉड किया तो दूसरे मामले में क्यूआर कोड स्कैन कर हजारों रुपए का चूना लगा दिया गया। पुलिस और साइबर सेल दोनों मामलों की जांच कर रही है।

चाची की तबियत बताई खराब

इज्जतनगर निवासी सुमित यादव ने पुलिस को बताया कि उनका एसबीआई में अकाउंट है। 12 मार्च को दोपहर में उनके पास फोन आया कि मैं तुम्हारी चाची का जीजा बोल रहा हूं। तुम्हारी चाची की तबियत बहुत खराब है और उन्हें इलाज के लिए रुपयों की जरूरत है। फोन करने वाले ठग ने कहा कि चाची ने उनका अकाउंट नंबर दिया है और उसमें ऑनलाइन 25 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा है। वह उन्हें एक क्यूआर कोड मोबाइल पर भेज रहा है, उसे स्कैन कर दे तो रुपए अकाउंट में पहुंच जाएगा। उन्होंने क्यूआर कोड स्कैन किया तो पैसे आने के वजाय उनके अकाउंट से ही 52800 रुपए निकल गए। सुमित यादव की शिकायत पर इज्जतनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

ऑनलाइन खरीद रहे थे कार

बीसलपुर रोड निवासी कानाराम रोनल मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। वह ऑनलाइन कार खरीद रहे थे। कार बेचने वाला खुद को श्रीकांत बता रहा था। उसने अपना आईडी कार्ड नंबर और आधार कार्ड नंबर भी दिया। उन्होंने गूगल पे के जरिए 63000 रुपए ऑनलाइन भेज दिए लेकिन दो महीने बाद भी कार की डिलीवरी नहीं हुई। अब वह फोन भी नहीं उठा रहा है। कानाराम ने सीओ सिटी थर्ड से मामले की शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

ऐसे बचें साइबर ठगी से

-किसी पर भी कोई भरोसा न करें, नहीं तो लापरवाही महंगी पड़ जाएगी

-क्यूआर कोड स्कैन बिल्कुल भी न करें

-टोल फ्री नंबर जांच कर ही कस्टमर केयर पर कॉल करें

-एटीएम नंबर, पिन, व अन्य डिटेल बिल्कुल भी शेयर न करें

-हो सके तो एटीएम मशीन से ही ट्रांजेक्शन करें

-जरुरत न हो तो अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड पर आनलाइन ट्रांजेक्शन बंद करा दें

Posted By: Inextlive