- एमडी ने रोडवेज बसों से होने वाले एक्सीडेंट को रोकने को तैयार की गाइड लाइन

- लंबी दूरी की बसों में दो ड्राइवर भेजने के निर्देश

LUCKNOW: चार लाख किमी से कम चली बसों को लंबे रूट पर भेजा जाएगा। साथ ही इन बसों में उन ड्राइवरों की ड्यूटी लगेगी जो अनुभवी होंगे और जिनका एक्सीडेंट का कोई रिकार्ड नहीं होगा। यह जानकारी रोडवेज के एमडी धीरज साहू ने बुधवार को दी। उन्होंने रोडवेज बसों से होने वाले एक्सीडेंट को रोकने के लिए अधिकारियों को पुराने नियमों को नए सिरे से लागू करने के निर्देश दिए।

- ड्यूटी लगाने में पक्षपात ना किया जाए

नियोजन कार्यालय में तीन घंटे तक पैसेंजर्स की सुरक्षा को लेकर हुई बैठक के बाद उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि वे ड्राइवरों और कंडक्टरों की ड्यूटी निष्पक्षता से लगाएं। इसके लिए जल्द ही ड्यूटी सॉफ्टवेयर लाया जा रहा है जिससे उनकी ड्यूटी खुद अपडेट हो जाएग ।

वीटीएस और कंट्रोल रूम ठीक किया जाए

उन्होंने बताया कि बसों की स्पीड पर भी नजर रखने के लिए कहा गया है। परिवहन निगम के मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से नजर रखी जा सकेगी। साथ ही उन्होंने सभी बसों में लगे वीटीएस (व्हेकिल ट्रैकिंग सिस्टम) को ठीक कराने के निर्देश दिए। यदि कोई बस ओवर स्पीड मिलती है तो उसके ड्राइवर और कंडक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

- ड्राइवरों को चार दिन का ऑफ जरूरी

ड्राइवरों की बेहतर ट्रेनिंग के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं, इसके लिए कानुपर स्थित प्रशिक्षण केंद्र को अपडेट किया जाएगा। वहां सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी डिपो के एआरएम को अपने ड्राइवरों को वहां पर ट्रेनिंग के लिए भेजना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि अब ड्राइवरों को हर महीने चार दिन का ऑफ दिया जाना जरूर कर दिया गया है। कमाई के चक्कर में अधिकतर ड्राइवर लगातार ड्यूटी करते हैं।

- दो ड्राइवर जाएंगे बस में

साथ ही लंबी दूरी की बसों में दो ड्राइवरों को लगाने के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कंडक्टर्स को निर्देशित किया कि वह सफर के दौरान सजग रहें। ड्राइवर को झपकी ना आने पाए इसके लिए वह लगातार उनसे बातें करें। एक्सीडेंट को रोकने के लिए बसों की चेकिंग भी रास्ते में अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। यातायात निरीक्षक रात में ड्यूटी करेंगे और बस की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। जो यातायात निरीक्षक रिपोर्ट नहीं देंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत बसों में एसएलडी (स्पीड लिमिटिंग डिवाइस) लगाई जा चुकी है। जिनमें नहीं है उनमें एक महीने के अंदर लगा दी जाए।

- हर साल करना होगा आई टेस्ट

इसके साथ ही सभी जगह ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए रेस्ट रूम बनाए जाएंगे। सभी ड्राइवर्स के लिए हेल्थ चेकअप कैंप लगाए जाएंगे। सभी ड्राइवरों को साल में एक बार आई टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है। उबाऊ सफर और ड्राइवर्स का ध्यान ना बंट पाए इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। कई सुझाव आए हैं उन पर काम किया जा रहा है। जल्द ही इन्हें प्रयोग में लाया जाएगा।

Posted By: Inextlive