मिलेंगे 20 नए आईएएस, रिटायर होंगे 10 अफसर, फिर भी खाली रह जाएंगे 54 पद
RANCHI : झारखंड में 'गुड गवर्नेस' की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या का काफी कम होना है। राज्य में आईएएस कैडर के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 208 है, जबकि 144 अफसर ही फिलहाल अपनी सेवा दे रहे हैं। पहले से ही 64 अफसरों का टोटा झेल रहे इस राज्य में इस साल 10 और आईएएस रिटायर होंगे। ऐसे में कई-कई महकमों का चार्ज संभाल रहे अफसरों पर काम का बोझ और बढ़ेगा, इससे फाइलों के निपटारे और प्रशासनिक कामकाज निपटाने की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। वैसे, राज्य प्रशासनिक सेवा के 20 अफसरों को आईएएस में प्रमोशन देने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन यह कब पूरी होगी, यह कहना मुश्किल है।
8 की सेवा केंद्र कोपहले से ही 64 आईएएस की कमी झेल रहे इस राज्य के 8 अफसर लंबे समय से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। केंद्र को सेवा दे रहे सीनियर आईएएस स्मिता चुग, राजीव गौबा, बीके त्रिपाठी, यूपी सिंह, राजीव कुमार, और इंदु शेखर चतुर्वेदी शामिल हैं। इसके अलावा शैलेश कुमार भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, लेकिन उनकी सेवा झारखंड को वापस मिल गई है, पर वे फिर से दो साल के अवकाश पर जा रहे हैं।
दो सालों से अटका है प्रमोशनझारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी नियमित रूप से आईएएस में प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि 20 अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोशन देने का मामला दो सालों से अटका हुआ है। आईएएस में प्रमोशन के लिए 71 अफसरों की लिस्ट तो तैयार है, लेकिन इनका एसीआर नहीं मिलने के कारण प्रमोशन का पेंच बरकरार है। पिछले महीने की तीन तारीख को यूपीएससी में इन अफसरों को आईएएस में प्रमोशन देने के मसले पर बैठक होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया।
2017 में कौन-कौन होंगे रिटायर्ड पीके जाजोरिया (रिटायर्ड) अरुण (रिटायर्ड) यूपी सिंह (रिटायर्ड) शशि रंजन प्रसाद (रिटायर्ड) उपेंद्र नारायण उरांव (रिटायर्ड) यूपी सिंह (रिटायर्ड) शशि रंजन प्रसाद (रिटायर्ड) मृदुला सिन्हा (अगस्त) शिवाजी चौपाल (अगस्त) संत कुमार वर्मा (नवंबर) केके दास (दिसंबर) बालमुकुंद झा (दिसंबर) केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं ये अफसर स्मिता चुग राजीव गौबा बीके त्रिपाठी यूपी सिंह राजीव कुमार इंदु शेखर चतुर्वेदी शैलेश कुमार (लीव पर जाएंगे) 2016 में मिले हैं ये अधिकारी कर्ण सत्यार्थी मेघा भारद्वाज गरिमा सिंह जितेंद्र दूबे चंदन कुमार हिमांशु मोहन विशाल सागर बसारत कयूम इन अफसरों को एडिशनल चार्ज अमित खरे सुनील कुमार वर्णवाल केके सोन सुखदेव सिंह नीतिन मदन कुलकर्णी एनएन सिन्हाअजय कुमार सिंह
सुनील वर्णवाल के जिम्मे सबसे ज्यादा विभाग मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल पर काम का सबसे ज्यादा अतिरिक्त दबाव है। सीएम के सचिव होने के अलावा तीन विभागों का एडिशनल चार्ज उनके पास है। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड ई-गवर्नेंस, इंडस्ट्री और माइंस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी का जिम्मा उन्हीं के पास है। इसके अलावा विकास आयुक्त और वित्त सह योजना विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद अमित खरे के पास है। क्या पड़ रहा असर 1-प्रशासनिक कामकाज पर वरीय अफसरों की कमी होने से राज्य में चल रहे कई विकास योजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ रही है। इसकी मॉनिटरिंग में भी दिक्कतें आ रही है। इसके अलावा प्रशासनिक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। 2-फाइलों के निपटारे में कई विभाग लंबे समय से एडिशनल चार्ज के भरोसे चल रहे हैं। जिनके जिम्मे ये विभाग हैं, उनपर काम का इतना दबाव है कि वे हर दिन फाइलों का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण पेंडिंग फाइलों की संख्या बढ़ती जा रही है। 3-विभागीय कामकाजयहां कुछ ऐसे आईएएस हैं, जिनके जिम्मे कई विभाग हैं। ऐसे में हर विभाग को काम के हिसाब से वे समय नहीं दे पा रहे हैं, जिस कारण विभागीय कामकाज की गति भी धीमी है।
4- कार्य क्षमता पर असर एक साथ कई विभागों का जिम्मा संभालने वाले अफसरों के कार्य क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। अतिरिक्त दबाव होने से कई कामों को तो वे सतही लेवल पर निपटा देते हैं, जिसका असर राज्य के विकास पर भी पड़ रहा है।