इंडियन काैंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डीजी डाॅ. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में नोवल कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सांस की तकलीफ ज्यादा है।


नई दिल्ली (एएनआई)। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में आईसीएमआर डीजी डाॅ. भार्गव ने कहा, 'पहली लहर में अन्य लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे थे जो इस बार कम हैं। इस बार लक्षण कम दिख रहे हैं। जोड़ों में दर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गंध न मिलना, गले में खरास इत्यादि पहली लहर की तुलना में इस बार कम दिख रहे हैं। हालांकि इस लहर में संक्रमित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ ज्यादा हो रही है।'बड़ी उम्र के लोगों को खतरा ज्यादा
उन्होंने कहा कि इस बार युवाओं में मामूली रूप से संक्रमण ज्यादा फैल रहा है। कोविड-19 युवा मरीजों की औसत उम्र पहली लहर में 50 वर्ष थी जो इस बार घट कर 49 वर्ष तक आ गई है। बुजुर्ग इस बार के लहर में भी ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। बड़ी उम्र के ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। 19 वर्ष तक के उम्र में पहली लहर में 4.2 प्रतिशत थी जो इस बार बढ़ कर 5.8 प्रतिशत पहुंच गई है।मृत्यु दर में कोई बदलाव नहीं


20 से 40 वर्ष की उम्र वाले पहली लहर में कुल संक्रमितों के 23 प्रतिशत थे जो इस बार बढ़ कर 25 प्रतिशत हो गए हैं। संक्रमितों में 40 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों की दर 70 प्रतिशत है। जो संक्रमित मरीज अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं उनमें सांस की तकलीफ वालों की संख्या ज्यादा है। पहली और दूसरी लहर में मृत्यु दर में कोई बदलाव नहीं आया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh