Meerut : वेस्ट यूपी सब एरिया कमांडर वीके यादव शहर के अपराधियों के लिए प्रॉब्लम बन गए हैं. उनके बनाए सिस्टम का असर दिखने लगा है. आलम ये है कि अब पुलिस भी आर्मी के जवानों की मुस्तैदी को देखकर चौकस हो गई है. काफी हद तक जनता ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगी है. आइए देखते हैं 10 दिनों की सख्ती से देश की दूसरी सबसे बड़ी छावनी में क्या इंपैक्ट पड़ा...


1. crime level zeroअगर पिछले 10 दिनों की बात करें तो कैंट क्षेत्र में पडऩे वाले दोनों की थानों सदर और लालकुर्ती थाना क्षेत्रों में बड़ी वारदातें तो दूर की बात स्नेचिंग जैसी छोटी वारदातें भी नहीं हुई। ये अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वरना बाइकर्स गैंग के लिए आबूलेन, वेस्ट एंड रोड सर्कुलर रोड, माल रोड लूट और स्नेचिंग के लिए पसंदीदा जगह बन गई थी। चोरी, मर्डर, डकैती की वारदातें तो सुनाई ही नहीं दी। न ही एक्सीडेंट की कोई वारदात सामने आई। 2. no eve teasin
आर्मी की इस सख्ती और पुलिस सहयोग के कारण आबूलेन और माल रोड पर महिलाओं और युवतियों के साथ ईव टीजिंग की घटनाएं बिल्कुल बंद हो गई है। सुबह और शाम दोनों टाइम माल रोड पर महिलाएं और युवतियां बेखौफ होकर सैर करने आ रही हैं। माल रोड पर कदम कदम उन्हें सेक्योर करने के लिए आर्मी के जवान मौजूद हैं। 3. हेलमेट में महिलाएं और बच्चे


टू व्हीलर ड्राइव करने वाले पुरुष ही नहीं अब महिलाएं भी एंटर करने से पहले हेलमेट लगाना नहीं भूल रही हैं। साथ ही अपनी गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स भी अपने साथ रख रही हैं। ट्रैफिक रूल्स में महिलाओं को रियायत देने की परंपरा को कैंट इलाके में पूरी तरह से बदल दिया है। स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स पर भी हेलमेट लेने का दबाव बना है।4. stop! it‘s red lightअरे ये क्या सब रेड लाइट पर ग्रीन सिग्नल होने का इंतजार कर रहे हैं। ये परंपरा आर्मी की सख्ती के बाद ही शुरू हुई है। कोई भी रेड लाइट को जंप करने की हिम्मत नहीं जुटा रहा। अगर कोई कोशिश करता भी है तो उसे आर्मी और पुलिस के जवान रोक कर गाड़ी को सीज कर रहे हैं। ऐसा पहले कैंट के इलाके में कभी नहीं हुआ।5. Where‘s the helmet of back seater?आम लोगों में कैंट में गाडिय़ां सीज होने के डर और अपनी सुरक्षा के ख्याल से ट्रैफिक नियमों का खुद से पालन करना शुरू कर दिया है। अब टू व्हीलर पर चलने वालों में बैक सीटर के सिर पर भी हेलमेट दिखने लगा है। आर्मी के अधिकारियों की माने तो अगर कोई दुर्घटना होती है तो टू व्हीलर के बैक सीट पर बैठे आदमी को ज्यादा चोट लगती है। इसलिए उसे भ हेलमेट में होना बेहद जरूरी है। 6. What‘s security?

कैंट के जानकारों की माने तो इस तरह की सेक्योरिटी पिछले कई सालों में कभी नहीं देखी गई। पब्लिक अपने को हर लिहाज से सेक्योर समझ रही है। लालकुर्ती निवासी मनीष का कहना है कि मेरठ कैंट देश का सबसे बड़ा कैंट है। यहां ऐसी ही सेक्योरिटी होनी चाहिए। हम कमांडर की तारीफ करते हैं कि वो खुद सड़क पर उतरकर ट्रैफिक से लेकर सेक्योरिटी तक सब कुछ फॉलो कर रहे हैं। वरना कोई भी बड़ा अधिकारी अपने ऑफिस से बाहर जाने की जहमत नहीं उठाता है। ये है सख्ती की वजह - आर्मी के गोला बारूद और हैलीपैड की सुरक्षा को खतरा। - आर्मी की टीवी केबल और फोन केबल की चोरी।- गांधी बाग में लगातार ग्रिल और अन्य सामान की चोरी। - माल रोड की लाइट्स और अन्य सामान की चोरी।- लीकर एवं ड्रग्स माफिया से खतरा। - किडनैपिंग, मर्डर जैसे क्राइम।- माल रोड वॉकिंग प्लाजा को यूथ द्वारा स्पीड प्लाजा बनाना।- आर्मी ऑफिसर्स की व्हिकल के साथ हुए रोड एक्सीडेंट्स।- आर्मी ऑफिसर्स की वाइफ के साथ होने वाली ईव टीजिंग की घटनाएं।- आर्मी क्वाटर्स में लगातार चोरी की घटनाओं में इजाफा होना। - इललीगल बैंक्वेट हॉल और मैरिज प्लेसेस में न्यूसेंस एक्टीविटी। - इललीगल एलीमेंट का कैंट के सुनसान रास्तों से गुजरना। - कैंट के ओल्ड ग्रांट बंगलों में इललीगल एक्टीविटी।
'पिछले कुछ दिनों में सख्ती का जो इंपैक्ट सामने आया है वो आपके सामने है। ये सिर्फ पब्लिक सेक्योरिटी के लिए है। मैं आशा करता हूं कि पब्लिक उनका इसी तरह से साथ देती रहेगी.'- मेजर जनरल वीके यादव, जीओसी, वेस्ट यूपी सब एरिया'कैंट एरिया में क्राइम कंट्रोल में है। पहले चेन स्नेचर कैंट एरिया से ही भागते थे। अब कई जगह चेकिंग से अपराध करने की हिम्मत नहीं हो रही.'- मुनिंदर पाल यादव, इंस्पेक्टर सदर

Posted By: Inextlive