वाहनों के शोरूम अब नहीं लगा सकेंगे ग्राहकों को चूना
- 63 शोरूम दो पहिया के
- 45 शोरूम चार पहिया के - 400 वाहनों के रोजाना होते हैं रजिस्ट्रेशन - रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के अतिरिक्त नहीं ले सकेंगे कोई अन्य चार्ज - वर्षो से चली आ रही हैं हैंडलिंग फीस होगी खत्म - जल्द जारी होगा नया शासनादेश LUCKNOW: दो पहिया या फिर चार पहिया वाहनों के शोरूम संचालक अब खरीदारों से ना तो हैंडलिंग फीस के नाम पर धनराशि वसूल सकेंगे और ना किसी अन्य मद का बहाना बता सकेंगे। जल्द ही यह व्यवस्था राजधानी में लागू हो जाएगी। शासन की ओर से जल्द ही पुराने शासनादेश में बदलाव कर नया शासनादेश जारी किया जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारी नए शासनादेश को तैयार करने में जुटे हैं। वसूली जाती है कई तरह की फीसपरिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी तक राजधानी में वाहनों के शोरूम में गाड़ी खरीदने वालों से विभिन्न तरह के शुल्क वसूले जाते हैं। रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के साथ हैंडलिंग चार्जेज, प्रोसेसिंग फीस और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर धनराशि ग्राहकों से वसूली जा रही है। इसके अलावा वाहनों की फ्री सर्विस के नाम पर भी एक्स्ट्रा धनराशि ली जाती है। त्योहारों के मौसम में इंश्योरेंस में छूट के साथ ही कई अन्य ऑफर पब्लिक को दिए जाते हैं जबकि इसके बदले धनराशि वसूली जाती है, लेकिन जल्द ही यह सब व्यवस्थाएं बंद कर दी जाएंगी।
शासनादेश में किया जाएगा बदलाव विभागीय अधिकारियों के अनुसार तकरीबन पांच साल पहले एक व्यक्ति ने डीलर प्वाइंट पर मिलने वाली सुविधाओं को लेकर मुकदमा किया था। हाई कोर्ट और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि डीलर वाहन की कीमत, रजिस्ट्रेशन फीस और इंश्योरेंस के अलावा किसी तरह का शुल्क ग्राहकों से नहीं वसूल सकेंगे। ऐसे में यह व्यवस्था जल्द ही लागू करने की तैयारी चल रही है। - हैंडलिंग फीस होगी बंद परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 1996 में जारी किए शासनादेश में दो पहिया वाहन शोरूम के संचालक हैंडलिंग के नाम पर 50 रुपए प्रति वाहन और चार पहिया वाहन शोरूम के संचालक 200 रुपए प्रति वाहन वसूल करेंगे। शुरू हो चुका है बैठकों का दौरराजधानी में तकरीबन दो पहिया वाहनों के 63 और चार पहिया वाहनों के 45 शोरूम हैं। रोजाना शहर में दोनों तरह के वाहनों को मिलाकर 400 रजिस्ट्रेशन होते हैं। राजधानी के साथ ही प्रदेश भर में यह नियम अनिवार्य किया जाना है। नियमों में परिवर्तन के लिए परिवहन विभाग में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। नवंबर में इसके लिए शासनादेश जारी किया जा सकता है।
कोट शासनादेश में बदलाव किया जाना है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। डीलर प्वाइंट पर वाहनों की कीमत के अलावा रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस ही लिया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य तरह का शुल्क लिए जाने पर डीलर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। गंगाफल अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग