कोरोना वायरस संकट और लाॅकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे ने अब तक 115 ट्रेनें चलाकर एक लाख से अधिक मजदूर को उनके गृह राज्य पहुंचाया है। रेलवे की यह सेवा अभी चल रही है।

नई दिल्ली(पीटीआई)। भारतीय रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने 1 मई से 115 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे एक लाख से अधिक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है। बुधवार को जिन 42 ट्रेनों की योजना बनाई गई है, उनमें से 22 ट्रेनें पहले ही चल चुकी हैं और बाकी 20 और ट्रेनें आज रात तक चलने वाली हैं। मंगलवार रात तक रेलवे ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 88 ट्रेनें चलाईं हैं। सभी स्पेशल ट्रेनों में 24 कोच हैं, जिनमें से प्रत्येक में 72 सीटें हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए केवल 54 सीटों की परमीशन है।

रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए

कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को राज्य से 10 ट्रेनों को रद कर दिया था, जिन्हें अगले पांच दिनों में नियोजित किया गया था। वहीं तीन ट्रेनें योजना के अनुसार बेंगलुरु से बिहार के लिए प्रस्थान करेंगी। वहीं रेलवे ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है कि इन सेवाओं पर अब तक कितना खर्च किया गया है क्योंकि सरकार का कहना है कि 85 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार जबकि 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाएंगी। हालांकि अधिकारियों ने संकेत दिया कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं।

Posted By: Shweta Mishra