दरगाह-ए-आला हजरत समेत अन्य मुस्लिम संगठन व संस्था पदाधिकारियों से करेंगे मुलाकात। रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड में ट्यूजडे शाम महासत्संग का होगा आयोजन।

BAREILLY: आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता व विश्व आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर आगामी 6 मार्च को बरेली में मौजूद रहेंगे। यह पहला मौका है जब श्री श्री रविशंकर बरेली पहुंचकर शहरवासियों को आध्यात्मिकता से सराबोर करेंगे। बता दें कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां के आमंत्रण पर श्री श्री का बरेली आना हो रहा है। कार्यक्रम में दरगाह आला हजरत, मदरसा मंजर-ए-इस्लाम और दारुल इफ्ता मंजर-ए-इस्लाम के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

 

यह रहेगा कार्यक्रम का शेड्यूल

आर्ट ऑफ लिविंग के कम्युनिकेशन ब्यूरो हेड पार्थो कुनाल ने बताया कि आमंत्रण के तहत सबसे पहले वह मौलाना तौकीर रजा के आमंत्रण में शरीक होंगे। उसके बाद आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर्स व वॉलंटियर्स से मुलाकात करेंगे। शमा गुप्ता ने बताया कि शाम 5 से 7 बजे तक रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज के मैदान में महासत्संग 'नाथ उत्सव' आयोजित होगा। यहां करीब 5 हजार से ज्यादा लोगों के मौजूद रहने की संभावना जताई जा रही है। जिसमें शहर की तमाम हस्तियां, स्टूडेंट्स, आम और खास सभी जुटेंगे। प्रवेश निशुल्क रहेगा।

 

2 सौ वालंटियर्स रहेंगे तैनात

श्री श्री के बरेली आगमन की अचानक मिली सूचना के साथ ही तेजी से तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। आर्ट ऑफ लिविंग बरेली रीजन के मेंबर्स ने टीमें बनाकर तैयारियां शुरू की हैं। मेंबर विशेष ने बताया कि महासत्संग के दौरान करीब 2 सौ वालंटियर्स तैनात रहेंगे। शाम 7 बजे कार्यक्रम का समापन होगा। इसके बाद वह 6 फरवरी को ही वापस लौट जाएंगे। यहां मंच पर श्री श्री रविशंकर के साथ ही शहर की अतिविशिष्ट हस्तियां मौजूद रहेंगी। जिसकी पूरी प्लानिंग 5 फरवरी की सुबह करीब 11 बजे तक फाइनल होने की संभावना है।

 

मुलाकात में सौहार्द का पुट

अयोध्या में श्री राम मंदिर बनाने के लिए श्री श्री रविशंकर प्रयासरत हैं। वह देश के कोने-कोने में पहुंचकर आपसी सुलह करा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि आगामी 6 फरवरी को पहली बार बरेली पहुंचने के पीछे उनका मकसद भी यही है। जहां वह तमाम मुस्लिम संगठनों से एक साथ मुलाकात कर आपसी सौहार्द बनाते हुए श्री राम मंदिर बनाने का मसला सुलझाने का प्रयास करेंगे। बता दें कि हाल ही में श्री श्री रविशंकर ने प्रदेश सरकार में संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक एवं वक्फ मामलों के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के साथ इसी मामले पर मुलाकात भी की थी। जिसका मकसद मंदिर निर्माण में बाधाएं दूर करना था।

Posted By: Inextlive