मेला प्रशासन के साथ बातचीत बेनतीजा होने के बाद लिया गया निर्णय

मेला क्षेत्र में नहीं लगेगा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का शिविर

ALLAHABAD: संगम की रेती पर दो जनवरी से शुरू होने जा रहे मेले में इस बार त्रिवेणी मार्ग का एक प्रमुख शिविर नहीं दिखाई देगा। इस मार्ग पर पिछले 36 वर्षो से लगातार शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का शिविर लगाया जाता था, लेकिन इस मेले में उनका आगमन नहीं होगा। यह स्थिति 27 दिसम्बर को मेला प्रशासन और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य श्रीधरानंद ब्रह्माचारी के बीच विवाद का समाधान ना होने के बाद बनी है।

यह है विवाद की जड़

मेला प्रशासन ने शंकराचार्य के लिए त्रिवेणी मार्ग पर प्लॉट नंबर 34 व 35 का आवंटन किया है। लेकिन शंकराचार्य की ओर से द्वारिका पीठ के अलावा बद्रिकाश्रम पीठ के लिए जमीन की मांग की जा रही है। इस पर मेलाधिकारी राजीव कुमार राय व पूर्व एडीएम सिटी एसके शर्मा के साथ श्रीधरानंद ब्रह्माचारी की कई चक्र की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला था।

तीन को आएंगे शंकराचार्य

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती तीन जनवरी को इलाहाबाद पहुंचेंगे लेकिन वे पांच जनवरी तक मनकामेश्वर मंदिर में विश्राम कर छह जनवरी को वाराणसी के लिए रवाना हो जाएंगे। इसके बाद शंकराचार्य दोबारा 11 जनवरी को फिर मनकामेश्वर मंदिर आएंगे और दो दिनों तक विश्राम करेंगे।

मेला प्रशासन ने बद्रिकाश्रम पीठ के नाम पर जमीन देने से इंकार कर दिया है। इसकी वजह से महाराज श्री के आने का सिलसिला 36 वर्षो के बाद टूट गया है। इस बार शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का शिविर नहीं लगेगा। वे आएंगे जरूर लेकिन मेले में नहीं बल्कि मनकामेश्वर मंदिर में विश्राम करेंगे।

-श्रीधरानंद ब्रह्माचारी, प्रभारी मनकामेश्वर मंदिर

Posted By: Inextlive