-रेलवे के विभागीय लड़ाई की वजह से पांच घंटे तक महिला को नहीं ले जाया गया अस्पताल

-दोपहर तीन बजे से रात आठ बजे तक यात्री मित्र कार्यायल के सामने स्ट्रेचर पर कराहती रही महिला

-सत्याग्रह एक्सप्रेस से बीमार हालत में उतारी गई वृद्धा को रेलवे डॉक्टरों ने जिला अस्पताल किया था रेफर

GORAKHPUR: सोमवार को रेलवे जंक्शन पर एक ऐसा वाक्या देखने को मिला, जो मानवता को शर्मशार करने वाला रहा। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही एक वृद्ध महिला को पांच घंटे तक जिम्मेदारों की बेरहमी झेलनी पड़ी। इस वृद्धा को अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं मिला। हैरान करने वाली बात है महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए कामर्शियल विभाग, आरपीएफ, सीएचआई और कैरेज विभाग के दो घंटे तक लिखा पढ़ी होती रही, लेकिन उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।

यात्री मित्र के सामने स्ट्रेचर पर लेटी रही वृद्धा

कोई रास्ता न देख यात्री मित्र कार्यालय के कर्मचारियों ने कुली की मदद महिला को यात्री कार्यालय के पास स्ट्रेचर पर लिटा दिया। यात्री मित्र द्वारा आरपीएफ को बार-बार मेमो दिए जाने के बाद आरपीएफ महिला अस्पताल को अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार नहीं हुई और बाद में मेमो लेने से भी इनकार कर दिया। यात्री मित्र में तैनात डिप्टी एसएस एके सक्सेना ने बताया कि किसी भी बीमार यात्री को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी आरपीएफ की है। बार-बार कहने के बाद भी वह नहीं आए बल्कि उल्टे मेमो भेजकर महिला यात्री मित्र कर्मी की मांग करने लगे। ऐसे में इस विभागीय लड़ाई की वजह से रात करीब आठ बजे तक बीमार वृद्धा यात्री मित्र कार्यालय के सामने ही कराहती रही।

सत्याग्रह एक्सप्रेस से उतारी गई वृद्धा

सोमवार को रक्सौल से नई दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस सोमवार की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जैसे ही गोरखपुर जंक्शन पर पहुंचते ही कुछ पैसेंजर्स ने रेलवे कंट्रोल को सूचना दी कि एक वृद्धा ट्रेन में अचेत हालत में पड़ी है। इस सूचना पर डिप्टी एसएस सहित रेलवे के डाक्टर ट्रेन पर पहुंचकर वृद्धा को अटेंड किया। डाक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देख तत्काल उसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। महिला के पास मिले कागजों के आधार पर उसका नाम मीना देवी बताया गया। हालांकि वे कहां की रहने वाली हैं और कहां जा रही थीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हाे सका है।

मीडिया के पहले पर अस्पताल गई वृद्धा

देर रात यह मामला संज्ञान में आने के बाद मीडिया की पहल पर रेल प्रशासन हरकत में आया और तत्काल लखनऊ मंडल के डीआरएम ने आरपीएफ को ट्वीट कर वृद्धा को जिला अस्पताल में भर्ती कराने को निर्देशित किया। इसके बाद आनन-फानन में आरपीएफ जवानों ने वृद्धा को जिला अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

Posted By: Inextlive