Allahabad : खजाना निकलेगा भी या नहीं इस रहस्य से पर्दा उठना अभी बाकी है. लेकिन लोगों के इस हसीन सपने का साइड इफेक्ट अभी से ही मार्केट में दिखने लगा है. फेस्टिव सीजन में ज्वेलरी शोरूम से कस्टमर्स लगभग गायब हो गए हैं. बिजनेस घटकर 25 परसेंट पर आ गया है. लोग गोल्ड रेट के कम होने की आस लगाए बैठे हैं.


राज से पर्दा उठना बाकी है उन्नाव के डौडिया खेड़ा के राजमहल में हो रही खुदाई में कितना सोना निकलेगा, यह भले ही अभी रहस्य बना है, लेकिन इसने सिटी के ज्वैलरी मार्केट को बुरी तरह प्रभावित किया है। दरअसल, सिटी में पिछले कई दिनों से यह चर्चा जोरों पर है कि डौडिया खेड़ा में हजार टन सोना निकलने के बाद देश में सोने की कीमतें एक तिहाई तक कम हो जाएंगी। इस चर्चा में भले ही बहुत सच्चाई न हो, लेकिन इसने सोने के कारोबार पर जबरदस्त असर डाला है। खजाना मिलने के बाद सोने की कीमतें कम होने की चर्चा के चलते फेस्टिवल और शादी-विवाह के सीजन में भी इलाहाबाद के ज्वैलरी मार्केट में सन्नाटा पसरा है। कारोबारियों का कहना है कि डौडिया खेड़ा की खुदाई ने उनके बिजनेस को घटाकर पचीस से तीस फीसदी पर सीमित कर दिया है। सन्नाटा तो कुछ कहता है
फेस्टिवल और शादी विवाह के इस सीजन में भी इलाहाबाद के च्वैलरी शोरूम में पूरी तरह सन्नाटा पसरा है। दरअसल, उन्नाव के डौडिया खेड़ा में खुदाई की तारीखों का ऐलान होते ही इलाहाबाद में यह चर्चा बड़ी तेजी से फैली कि खजाने की खुदाई से हजार टन सोना निकलने के बाद सोने की कीमतें बत्तीस हजार से घटकर बीस-बाईस हजार तक हो जाएगी। इसे अफवाह कहें या सिर्फ चर्चा, लेकिन यह इतनी तेजी से फैली कि इसने मार्केट से खरीददारों की भीड़ को ही गायब कर दिया। हफ्ते भर पहले तक जिन शोरूम्स में ग्राहकों की भीड़ हुआ करती थी, आज वहां पूरे दिन में गिनती के ग्राहक आते हैं। इलाहाबाद के कारोबारियों के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में उनका बिजनेस सत्तर फीसदी तक प्रभावित हुआ है और शनिवार को घटकर यह सिर्फ पचीस से तीस फीसदी पर ही सीमित हो गया है। कारोबारियों के मुताबिक सोना निकलने के बावजूद कीमतों में थोड़ा-बहुत फर्क तो आ सकता है, लेकिन अफवाहों के चलते उनके बिजनेस का बंटाधार हो रहा है। Festival में बुरा हाल


दरअसल, दीपावली और धनतेरस से पहले तमाम कंपनियां और आफिस अपने कर्मचारियों व ग्राहकों को सोने-चांदी के सिक्के व दूसरे च्वैलरी आइटम्स गिफ्ट में देने के लिए बड़ी खरीददारी करते हैं। इसके अलावा शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में लोग महीनों पहले ही गहने वगैरह की खरीददारी कर लेते हैं। धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से भी शारदीय नवरात्र से लेकर दीपावली तक का वक्त सोने-चांदी की खरीददारी के लिए बेहद शुभ व बेहतर माना जाता है। लेकिन इलाहाबाद के ज्वैलरी बाज़ार में इन दिनों सिर्फ वही ग्राहक पहुंच रहे हैं, जिनको अभी गोल्ड च्वैलरी आइटम्स लेना बेहद जरूरी है। बाकी लोग डौडिया खेड़ा के महल में चल रही खुदाई से निकलने वाले खजाने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि खजाना सामने आने के बाद वह अपने बजट में डेढ़ गुना तक खरीददारी कर लेंगे। जिनके यहां सगाई या शादी जैसे आयोजन हैं, वह भी सिर्फ चढ़ावे की च्वैलरी ही खरीद रहे हैं और बाकी के लिए कीमतों के कथित तौर पर घटने का इंतजार कर रहे हैं। कई लोग तो डौडिया खेड़ा में खजाना निकलने की प्रार्थना तक कर रहे हैं। राम जाने क्या होगा

डौडिया खेड़ा की खुदाई में सोना निकलेगा भी या नहीं, अगर निकलेगा भी तो कितना और खजाने के निकलने पर बाज़ार पर कितना असर होगा, इन सारे सवालों पर फिलहाल कोई भी पूरे दावे के साथ कुछ नहीं कह सकता, लेकिन खजाना मिलने पर कीमतें दस-बारह हजार रुपये तक घटने की चर्चाओं ने इलाहाबाद के ज्वैलरी बाज़ार को पिछले तीन-चार दिनों में अर्श से फर्श पर ला दिया है। बाजार के रुख को देखते हुए इलाहाबाद के कारोबारी तो यही दुआ कर रहे हैं कि डौडिया खेड़ा में खजाना निकले या नहीं, लेकिन उसका सच जरूर दो-चार दिन में सामने आ जाए। यकीनन सिर्फ और सिर्फ यही कारण है। जिसके कारण आजकल ज्वैलरी के धंधे में मंदी की स्थिति आ गई है। लोग सोच रहे हैं कि खजाना निकलेगा और ज्वैलरी सस्ती हो जाएगी। रोहित केसरीज्वैलरी शॉप ओनर सिविल लाइंस

फेस्टिवल का सीजन चल रहा है। शादियों की तैयारियों में लोग जुटे हैं, बावजूद इसके शॉपिंग में काफी कमी दिख रही है। हो सकता है कि खजाना का ही असर हो। माधवी वैश्य, तनिष्क शोरूम

Posted By: Inextlive