- जनता को राहत देने के लिए योजनाएं तो बनतीं, धरातल पर दिखती नहीं

- प्रमुख समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं नजर आता निगम प्रशासन

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LUCKNOW: शहर की जनता को राहत देने के लिए निगम प्रशासन की ओर से योजनाएं तो कई बनाई जाती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि गुजरते वक्त के साथ ये सभी योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैं, जिसकी वजह से जनता को इनका लाभ नहीं मिल पाता है. निगम प्रशासन की ओर से भी योजनाएं बनाकर जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर क्यों इंप्लीमेंट नहीं हुई, इसको लेकर कोई समीक्षा नहीं की जाती है. निगम प्रशासन द्वारा तैयार अलग-अलग योजनाओं को स्कैन करती अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट--

पहली योजना

फॉगिंग

वर्तमान समय में शहर की जनता मच्छरों के हमले से परेशान है. निगम प्रशासन ने दावा किया कि नियमित रूप से जोनवार फॉगिंग कराई जाएगी. इसके लिए योजना भी बनी. आलम यह है कि अभी तक रोस्टर तक नहीं बन सका है.

स्थिति-अभी तक वार्डो को फॉगिंग का इंतजार है.

दूसरी योजना

नाला सफाई

निगम प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि नाला सफाई शुरू करा दी गई है लेकिन ज्यादातर पार्षदों का कहना है कि उनके वार्ड में नाला सफाई शुरू नहीं हुई है.

स्थिति-नाला सफाई कार्य में रफ्तार नहीं, जनता को करना होगा जलभराव का सामना

तीसरी योजना

अावारा जानवर

शहर में हर तरफ आवारा जानवरों की समस्या है, जनता परेशान है. निगम प्रशासन का पूरा फोकस सांड पकड़ने में है, जबकि अन्य आवारा जानवरों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

स्थिति-पॉश एरिया से लेकर मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग आवारा जानवरों से परेशान

चौथी योजना

पॉलीथिन

इस मुद्दे पर भी निगम प्रशासन पूरी तरह से बैकफुट पर है. पहले तो पॉलीथिन के खिलाफ युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया लेकिन बाद में स्थित जस की तस हो गई. करीब चार माह के बाद शुक्रवार को फिर से अभियान चला, लेकिन शनिवार को स्थिति जस की तस हो गई

स्थिति-हर तरफ पॉलीथिन की धड़ल्ले से हो रही है बिक्री

पांचवीं योजना

अतिक्रमण

नगर निगम के सभी आठ जोन में अतिक्रमण की समस्या है. इस समस्या को दूर करने के लिए कभी कभार अभियान चलाया जाता है. जिसकी वजह से स्थिति जस की तस है.

स्थिति-पॉश एरिया से लेकर प्रमुख मार्ग अतिक्रमण की समस्या से पीडि़त

छठी योजना

कूड़ा कलेक्शन

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर महीने एक योजना बनती है लेकिन हकीकत यह है कि एक भी योजना अपना असर नहीं दिखाती है. जिसकी वजह से जनता परेशान है.

स्थिति-65 फीसदी घरों से कूड़ा कलेक्ट नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से लोग सड़क किनारे और खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर हैं.

सातवीं योजना

नियमित सफाई

शहर के कई इलाकों में नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है. शहर के पुराने इलाकों में स्थित खासी खराब है. योजना बनी लेकिन नतीजा सिफर

स्थिति-सड़कों पर सफाई न होने से गंदगी का अंबार, नियमित कूड़ा भी नहीं उठाया जाता है.

ये बनी थीं प्रमुख योजनाएं

1-फॉगिंग

योजना-नियमित रूप से जोनवार फॉगिंग

2-अतिक्रमण

योजना-हर सप्ताह एक जोन में अतिक्रमण अभियान

3-नाला सफाई

योजना-हाईटेक मशीनों से नाला सफाई, अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाए जाने थे

4-कूड़ा कलेक्शन

जनता का नियमित फीडबैक, प्रतिदिन डाटा कलेक्शन

5-नियमित सफाई

योजना-सफाई कर्मियों को स्मार्ट वॉच दी गई लेकिन रिस्पांस सामने नहीं आया

6-आवारा जानवर

योजना-हर जोन में नियमित अभियान, डेयरियों पर कार्रवाई

7-पॉलीथिन

योजना-रोजाना बैन पॉलीथिन को जब्त करना, दुकानदारों पर जुर्माना

वर्जन

कई योजनाएं इंप्लीमेंट की जा चुकी हैं, जबकि कई पर होमवर्क किया जा रहा है. प्रयास यही है कि जल्द से जल्द सभी योजनाएं इंप्लीमेंट कराई जाएं, जिससे जनता को राहत मिले.

डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Posted By: Kushal Mishra