- मंडुआडीह के श्रीरामनगर कॉलोनी निवासी दम्पति अपनी बेटी को बनाना चाहते हैं कॉमर्शियल पायलट

यदि सोच की बात करें तो हमारे समाज में बहुतायत मां बाप बेटे की ही चाह रखते हैं। क्योंकि उनका मानना होता है कि बेटा बुढ़ापे की लाठी बनेगा तो वंश को भी बढ़ाएगा। ऐसी सोच से इतर समाज में कुछ ऐसे मां बाप भी हैं जिन्हें बेटी में ही अपनी खुशी और भविष्य दिखता है। ऐसे बिरले मां बाप में से ही हैं मंडुआडीह के श्रीराम नगर कॉलोनी निवासी दम्पति भूपेंद्र विक्रम सिंह और अंकिता सिंह।

बेटी है सबकुछ

भूपेंद्र और अंकिता की शादी के सात साल बाद जब बेटी प्रत्यूषा हुई पैदा हुई तो घर में जश्न का माहौल रहा। पूरे मोहल्ले में मिठाई बांटी गई। पार्टी हुई। शादी के इतने सालों बाद हुई प्रत्यूषा उनके लिए बेटे से भी बढ़कर है। उसकी पालन-पोषण में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखते दोनों माता पिता। पांच साल की प्रत्यूषा भी अपने पापा मम्मी पर जान छिड़कती है।

कॉमर्शियल पायलट बनाने का है सपना

लॉजिस्टिक का बिजनेस करने वाले भूपेंद्र और सरकारी टीचर अंकिता का सपना अपनी बेटी प्रत्यूषा को कॉमर्शियल पायलट बनाने का है। कहते हैं बेटी तो बेटों से बढ़कर होती हैं। पति पत्‍ि‌न दोनों वर्किंग हैं ऐसे में बच्ची के लिए समय निकालना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन कहते हैं कि तमाम व्यस्तताओं के बीच बच्ची के लिए पूरा वक्त निकालते हैं। उसकी जरुरतों को पूरा करना हमारा दायित्व है। बताते हैं कि पढ़ाई के लिए प्रत्यूषा को पूरा माहौल देने की कोशिश की जाती है। कहते हैं कि सपना तो बेटी को कॉमर्शियल पायलट बनाने का है। लेकिन बेटी की जिस भी फील्ड में जाना चाहेगी उसका पूरा सपोर्ट किया जाएगा।

प्लान तो हमें करना है

कहते हैं कि फैमिली और रिलेटिव शुरु में बेटी होने के बाद एक बेटे के लिए दबाव बनाते थे। लेकिन हमने ठान लिया है कि बस अब कोई दूसरी संतान नहीं होगी। इसके लिए हमने घर वालों को समझाया तो वे भी अब मान गए हैं। बताते हैं कि कोई कुछ भी कहे प्लान तो हमें ही करना है। हमें प्रत्यूषा में ही सारी खुशी मिलती है। तमाम मन्नतें मांगने के बाद तो हमारे घर में इतने सालों बाद लक्ष्मी आई है। इस पर ही अपना सबकुछ न्यौछावर करेंगे।

Posted By: Inextlive