-अपनी बेटी पर जी भरकर प्यार लुटा रहे हैं नगवां निवासी हरिशंकर और उनकी पत्नी सुनिता

-कहते हैं सिंगल गर्ल चाइल्ड के साथ बिताएंगे जिंदगी

VARANASI

बेटी का हर सपना अब अपना है। वो डॉक्टर बनना चाहती है। इसके लिए उसे पूरा माहौल मुहैया कराएंगे। यह कहना नगवां के रहने वाले हरिशंकर शर्मा और उनकी पत्नी सुनिता शर्मा का। दोनों की एक मात्र संतान सात साल की बेटी वैष्णवी

है। उनका कहना है कि परिवार से लेकर समाज तक में कई लोगों ने कहा कि उन्हें एक बेटा भी होना चाहिए लेकिन दोनों ने उस पर गौर नहीं किया। उनका कहना है कि बेटी की कीमत वो ही जानें जिनकी बेटियां हैं। वो किसी मायने में बेटे से कम नहीं है।

खुशियों से भर दी जिंदगी

हरिशंकर एक मल्टीनेशनल नेशनल कम्पनी में रीजनल मैनेजर हैं और सुनिता हाउस वाइफ हैं। वो बताते हैं कि शादी के तीन साल बाद पहली संतान के रूप में बेटी हुई। उसके आते ही जैसे खुशियों ने घर में डेरा डाल दिया। बेटी की किलकारियां पूरे घर के माहौल को खुशनुमा बना देती थीं। पूरे परिवार ने उस पर प्यार उड़ेल दिया। वक्त बढ़ने के साथ बेटी बड़ी होती गयी और सभी का उसके प्रति प्यार भी बढ़ता गया। आज हमारी बेटी परिवार में खुशियों का पर्याय है।

कभी नहीं कहा ना

बेटी अभी बहुत बड़ी तो नहीं हुई लेकिन उसे कभी किसी चीज के लिए ना नहीं कहा। पूरे परिवार ने उसे इस बात कभी एहसास नहीं होने दिया कि वह बेटी है और समाज में बेटियों के लिए कुछ नियम-कानून हैं। बेटी वैष्णवी बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए लिए हम पूरा माहौल देंगे। हम दोनों कभी उस पर अपना विचार नहीं थोपते हैं।

बताया बेटियों का महत्व

बेटी के बड़ी होने के साथ परिवार और रिश्तेदारों ने दूसरी संतान के रूप में बेटा पैदा करने के लिए कहा। लेकिन दम्पति ने साफ इनकार कर दिया। सबको समझाया कि बदले वक्त में बेटा-बेटा का कोई अंतर नहीं रह गया है। बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। खेल, पढ़ाई के साथ समाज को बनाए रखने में भी बेटियां अपना भरपूर योगदान दे रही हैं। वैष्णवी के माता-पिता चाहते हैं कि उनकी तरह अन्य परिवार भी बेटियों को खास महत्व दें।

Posted By: Inextlive