सिपाही नहीं साहब, बीट अफसर कहिए जनाब
- थाना स्तर पर बीट पुलिसिंग पर जोर, अब थानों में बांटी जाएगी बीट
- पहली बार बीट में शामिल किए गए सीनियर सिटीजन व दिव्यांग - बीट अफसर के पास होगा अपना विजिटिंग कार्ड LUCKNOW : थानों में तैनात सिपाही अब साहब बन जाएंगे। उन्हें बीट पुलिस अफसर कहकर पुकारा जाएगा। मल्टीनेशनल कंपनी की तरह बीट पुलिस अफसर के हाथ में अपने नाम का विजिटिंग कार्ड होगा। हाथ में बीट नोट बुक जिसमें इलाके के संभ्रात व्यक्ति से लेकर अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के डाटा के साथ-साथ इलाके से संबंधित पूरी डिटेल मौजूद होगी। वहीं एरिया में कितने सीनियर सिटीजन हैं और कितने दिव्यांग, इसका भी ब्यौरा रखा जाएगा। सिस्टम पुराना अंदाज नया होगावर्षो से चल रही बीट पुलिसिंग को एक बार फिर से एक्टिव बनाने का प्रयास लखनऊ पुलिस कर रही है। इसके लिए एसएसपी ने बीट सिपाही को बीट पुलिस ऑफिसर का नया नाम दिया है। साथ ही सभी एडिशनल एसपी और सीओ को रोज एक एक सिपाही की बीट बुक चेक करने का आदेश जारी किया है।
जमीनी सूचना समय से मिलेगीएसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि शुरू से बीट पुलिसिंग सबसे अहम रही है। कुछ समय से बीट पुलिसिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। इसकी वजह से जमीनी सूचनाएं समय से पुलिस के पास नहीं पहुंच पा रही थीं। वहीं सुस्त पड़ी बीट पुलिसिंग की वजह से पुलिस और जनता के बीच दूरी भी बन रही थी। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से बीट पुलिसिंग की व्यवस्था को नए सिरे से लागू करने का आदेश दिया गया है।
सिपाही को मिलेगा बीपीओ नाम एसएसपी ने बताया कि इसके लिए इलाके के बीट सिपाही को बीट पुलिस ऑफिसर यानि बीपीओ का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि बीपीओ रोज अपनी बीट में जाकर वहां होने वाली हर गतिविधि को नोट करेगा। इसके अलावा बीपीओ को इलाके में जुआं, शराब और अन्य होने वाले अपराध की पूरी सूचना बीट बुक में नोट करनी होगी। बीट बुक में इलाके के संभ्रांत लोगों और इलाके में अपराधियों का पूरी रिकार्ड दर्ज करने का आदेश एसएसपी ने जारी किया है। मौजूदा समय में शहर में करीब एक हजार बीट इंचार्ज हैं। उन्होंने बताया कि बीट पुलिस ऑफिसर के साथ अन्य सिपाहियों को उनका लिंक अधिकारी बनाया जाएगा। सीनियर सिटीजन व दिव्यांग का भी ब्यौराबीट पुलिस अफसर इलाके के सीनियर सिटीजन व दिव्यांग का भी रिकार्ड जुटाएंगे, जिससे पता चल सके कि तन्हां सीनियर सिटीजन व दिव्यांग को समय पर मदद पहुंचाई जा सके। साथ ही इलाके में कितने लाइसेंसी आर्म्स यूजर हैं, कहां क्लीनिक, हॉस्पिटल व पेट्रोल पंप हैं, इसकी भी डिटेल रखनी होगी।