-पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर एलएलएम छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न एवं रंगदारी का मामला

PRAYAGRAJ: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर एलएलएम छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने सीलबंद लिफाफे में प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। एसआईटी की ओर से एडिशनल एसपी अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि वीडियो क्लिप की फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट अभी नहीं आई है। एसआईटी ने कोर्ट को बताया कि चार हफ्ते बाद वीडियो क्लिप में आवाज की फोरेंसिक रिपोर्ट आने की संभावना है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। एसआईटी की प्रोग्रेस रिपोर्ट में पूरा फोकस स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने वाले आरोपियों और पीडि़ता के संबंधों को लेकर था। इसके लिए एसआईटी ने कोर्ट में वीडियो क्लिप से तैयार फोटोग्राफ भी पेश किये।

28 नवम्बर को फिर से मांगी रिपोर्ट

कोर्ट ने एसआईटी की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखने के बाद अगली सुनवाई की डेट 28 नवम्बर निर्धारित की है। जिसमे फिर से जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीडि़ता की ओर से मिस्लेनियस एप्लीकेशन भी दाखिल की गई। पीडि़ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन ने बहस की।

अलग से जांच की मांग

उन्होंने कोर्ट को बताया कि स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ पीडि़ता की ओर से पांच सितम्बर को नई दिल्ली के लोधी थाने में शिकायत की गई है। उन्होंने अदालत से उस मामले की अलग से जांच की मांग की। हांलाकि एसआईटी उस मामले की भी जांच कर रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस अर्जी पर भी जवाब मांगा है। सरकार की ओर से जी एस के पाल और एजीए प्रथम ए के सण्ड ने पक्ष रखा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच एसआईटी जांच की मानीटरिंग कर रही है। मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस पंकज भाटिया की खंडपीठ कर रही है। उल्लेखनीय है कि निचली अदालत से स्वामी चिन्मयानंद और पीडि़ता दोनों की जमानत भी खारिज हो चुकी है।

Posted By: Inextlive