-वारदातों पर इनवाल्व होती क्राइम ब्रांच, खास मामलों में बन रही एसआईटी

-थानों पर तैनात दरोगा और सिपाही का बोझ हुआ कम, दिखाएंगे परफार्मेस

GORAKHPUR:

गोरखपुर पुलिस ने पब्लिक का भरोसा बहाल करने के लिए नया तरीका स्पेशल टीम के रूप में निकाल लिया है। चोरी हो या हत्या लगभग हर मामले में एसआईटी जांच का आदेश देकर पीडि़तों को न्याय दिलाने का विश्वास दिला रहे हैं। हालांकि इसका रिजल्ट अब तक सकारात्मक नहीं रहा है। वहीं, एसआईटी के चाल से थानेदारों और दरोगाओं की मुश्किल बढ़ने लगी है। तर्क दिया जा रहा है कि इस तरह के निर्णय से एसएसपी ने थानेदारों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने का संदेश्ा दिया है।

ताकि पेंडिंग न रहे केस

हाल के दिनों में सामने आया है कि कई आपराधिक मामलों में पुलिस की एक अलग जांच टीम बनाकर उसे एसआईटी का नाम दे दिया जा रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि संबंधित प्रकरण की जांच एक टीम स्पेशल रूप से करके जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट सौंप दे। क्योंकि थानों की विवेचना में काफी समय लगता है। थानों के विवेचक के पास पहले से कई मामले पेडिंग होते हैं। इसलिए वह हर मामले में केंद्रित नहीं हो पाते। इसको देखते हुए एसआईटी बनाकर पुलिस अधिकारी जल्द से जल्द मामलों का निस्तारण कराने की कोशिश में जुटे हैं। इससे थानों पर तैनात विवेचकों को अन्य मामलों की जांच के लिए पूरी छूट मिली हुई है। इसलिए उनकी चुनौतियां भी बढ़ गई है।

हाल में इन केसों में बनी एसआईटी

केस एक:

फर्जी लाइसेंस बनाकर असलहों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया। 14 अगस्त को एक शिकायत के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने जांच शुरू की। तब पता लगा कि आ‌र्म्स की दुकानों से फर्जी लाइसेंस पर असलहे बिके हैं। एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे की अगुवाई में एसआईटी का गठन एसएसपी ने किया। मामले की पड़ताल करते हुए टीम कार्रवाई में जुटी है। अधिकारियों का मानना है कि थाना स्तर से होने वाली जांच में प्रभावशाली व्यक्ति पूरी विवेचना को प्रभावित कर सकते हैं। स्पेशल टीम कम समय में जांच रिपोर्ट दे देगी। इससे साजिश में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो सकेगी।

केस दो:

गोरखनाथ मंदिर के उत्तरी गेट के सामने एसबीआई की ब्रांच है। ब्रांच से सटे एटीएम को गैस कटर से काटकर चोरों ने सात लाख 45 हजार रुपए चुरा लिए। रविवार दोपहर जानकारी होने पर हड़कंप मच गया। टेक्निकली एक्सपर्ट चोरों की तलाश के लिए एसएसपी ने एसआईटी बनाई। सीओ क्राइम ब्रांच की अगुवाई में टीम जांच पड़ताल में जुटी है। क्योंकि यह प्रकरण ऐसा है कि गैंग का पर्दाफाश न होने पर दूसरी जगहों पर वारदात हो सकती है।

केस तीन:

एक हफ्ते पूर्व बांसगांव एरिया के कौड़ीराम में नकली नोट चलाने का मामला सामने आया। गैंग में शामिल एक महिला तीन-चार लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया। इस दौरान पता लगा कि आजमगढ़ में बैठा मास्टरमाइंड नकली नोट भेजकर बाजार में चलवा रहा है। इस मामले की जांच के लिए सीओ बांसगांव के नेतृत्व में एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया। नकली नोट के मार्केट में फैलने से अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। इसलिए जल्द से जल्द इस गैंग पर शिकंजा कसा जाना चाहिए।

थानों के विवेचक की बढ़ गई जिम्मेदारी

किसी विशेष घटना के सामने आने के बाद थानों की पुलिस पेडिंग मामलों से पिंड छुड़ा लेती थी। विवेचना से संबंधित सवाल-जवाब होने पर बता देते थे कि विशेष मामले में जांच में बिजी होने से पेडिंग केसेज सॉल्व नहीं हो सके। लेकिन एसआईटी से ऐसे दरोगाओं की चुनौती बढ़ गई है जो नई घटना के बहाने पुराने मामलों पर परदा डाल देते थे। पुलिस से जुड़े जानकारों का कहना है कि थाना प्रभारी को कानून-व्यवस्था संभालने के साथ-साथ अपने थाने के हर काम को पूरा करना होगा। स्पेशल केसेज को एसआईटी निपटाएगी तो वह अपनी जिम्मेदारी बच नहीं पाएंगे। जबकि लूट, मर्डर सहित कई गंभीर वारदातों की जांच क्राइम ब्रांच की टीम भी करती रही है।

क्या है एसआईटी

एसआईटी का गठन विशेष मामलों की जांच के लिए होता है। इसे विशेष जांच एजेंसी कहा जाता है। किसी स्पेशल मामले की जांच के लिए टीम गठित करने की जरूरत तब पड़ती है जब मौजूदा एजेंसी उस मामले में उचित जांच करने में सक्षम नहीं होती है। या फिर ऐसे मामले जो हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़े होते हैं। उनके खिलाफ जांच करके सबूत जुटाने के लिए एसआईटी बनाई जाती है। एसआईटी का गठन आमतौर पर कोर्ट द्वारा किया जाता है। टीम में रिटायर जज और स्पेशलिस्ट को शामिल किया जाता है। ताकि वह बिना किसी के दबाव में आए बगैर हाईप्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम कर सकती है। इसमें एक व्यक्ति टीम का नेतृत्व करता है। और एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करता है।

वर्जन

विशेष मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। टीम के प्रभारी से रोजाना प्रगति रिपोर्ट तलब की जाती है। जल्द ही एसआईटी अपनी जांच पूरी कर लेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive