जिन कारों को हम सड़क पर दौड़ाते हुए खुद को बड़ा कान्‍फीडेंट और सुरक्षित महसूस करते हैं अगर पता लगे कि आप उसमें सेफ नहीं है तो आप को कैसा लगेगा। ग्लोबल NCAP ने अपने ताजा क्रैश टेस्‍ट की रिर्पोट जारी करते हुए बताया है की बड़ी कंपनियों की छह कारें सुरक्षित नहीं हैं।

छह कारें हुई सुरक्षा टेस्ट में फेल
भारत की छह चर्चित कारों को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में जीरो स्टार रेटिंग मिली है। इन गाड़ि़यों में भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही एसयूवी कारों में शामिल महिंद्रा स्कॉर्पियो का भी नाम है। टेस्ट करने वाला ऑर्गनाइजेशन ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के तहत कारों की सुरक्षा जांच करता है। स्कॉर्पियो के के अतिरिक्त इस क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी इंडिया, रेना, टाटा, महिंद्रा, ह्युंडई के विभिन्न मॉडल्स (बेस मॉडल) को शामिल किया गया था, जहां इन्हें जीरो स्टार रेटिंग मिली है।
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क्रैश करा कर होती है जांच
इस टैस्ट में कारों को 64 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर दौड़ा कर क्रैश करा कर जांच की जाती है। ऐसा ही कुछ इन कारों के साथ किया गया जिसमें ये पूरी तरह फेल हो गयीं। वयस्कों के लिए निर्धारित मानकों पर खरी ना उतरने के चलते इन गाड़ियों जीरो स्टार रेटिंग दी गयी। इन सभी गाड़ियों को जीरो स्टार रेटिंग दी गई।
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पहले भी हुई हें जांच
2014 से अब तक ग्लोबल NCAP ने 16 गाड़ियों का क्रैश टेस्ट किया है जिनमें से टोयोटा और फॉक्सवागन की सिर्फ दो गाड़ियों ने वयस्कों के लिए सुरक्षा के लिहाज से 4 स्टार रेटिंग हासिल की थी। मौजूदा कारों में 6 गाड़ियों को बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से 2 स्टार रेटिंग और मारुति सेलेरियो को 1 स्टार रेटिंग मिली है।
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भविष्य में सुधारनी होगी स्थिति
बताया जा रहा है कि अगली जांच से पहले सभी कारों को अपना सुरक्षा स्तर सुधारना होगा। हालाकि फिलहाल, ये सुरक्षा मानक कई कारों में मौजूद नहीं है, लेकिन अब उन्हें हर हाल में इन फीचर्स को शामिल करना होगा। ये भी सुनने में आ रहा है कि 2018 और 2019 तक सभी मॉडल्स में सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य कर दिया जाएगा।

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Posted By: Molly Seth