पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर प्रदेश में छह राजनेताओं पर पड़ेगा। राजनाथ सिंह कल्याण सिंह एनडी तिवारी मुलायम स‍िंह मायावती और अखिलेश यादव यूपी के उन पूर्व मुख्‍मंत्रि‍यों में हैं जो सरकारी बंगलों में रह रहे हैं। ये बंगले बेहद खूबसूरत हैं। इनमें घुसते ही आंखें चौंधिया जाती हैं। इनमें कहीं इटैलियन मार्बल लगे हैं तो कहीं पत्थरों की तराश आकर्षि‍त कर लेती है...


राजमहल जैसी भव्यता देने की शुरुआत मायावती ने की थीlucknow@inext.co.in  


लखनऊ।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, वीर बहादुर सिंह और हेमवतीनंदन बहुगुणा, श्रीपति मिश्र को भी बंगले मिले थे। 1997 में हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद वीपी सिंह, कमलापति त्रिपाठी, हेमवतीनंदन बहुगुणा और श्रीपति मिश्रा के आवास खाली हो गए थे मगर मायावती की गठबंधन सरकार ने 'एक्स चीफ मिनिस्टर्स रेजिडेंस अलाटमेंट रूल्स 1997' बना कर एक बार फिर बंगलों पर कब्जा जमाये रखने का इंतजाम कर दिया। इस नियम के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले में जमे रहने का मार्ग निकल आया और पुराने नामों में मुलायम, मायावती, राजनाथ, कल्याण, अखिलेश आदि की शृंखला जुड़ती गई। आवास को भव्यता देने की शुरुआत हालांकि वीर बहादुर सिंह के ही कार्यकाल में हो गई थी जिसे मुलायम ने भी अपनाया। राजमहल जैसी भव्यता देने की शुरुआत मायावती ने की, जिसे अखिलेश ने आगे बढ़ाया। 2016 में भी हुआ था बंगले खाली करने का आदेश

पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किए जाने के खिलाफ एक सामाजिक संगठन लोक प्रहरी ने कोर्ट में चुनौती दी थी। एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने 1997 के मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियमों को गलत बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी बंगले देने का प्रावधान रद कर दिया था। अदालत ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो महीने में बंगले खाली करने और उनसे किराया वसूली का भी आदेश दिये थे। इसके बाद अखिलेश सरकार ने 30 अगस्त, 2016 को उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक पारित कराया था। इस विधेयक से पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बच गए थे। इस कानून को लोक प्रहरी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में चुनौती दी जिस पर रविवार को फैसला आया। बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली करने को कहा है, उनके पास अपने घर भी है। पूर्व मुख्यमंत्रियों का सरकारी आवास और क्षेत्रफलमायावती का बंगला13 ए, माल एवन्यू 1995,1997, 2002 और 2007 में सूबे की मुख्यमंत्री रहीं। क्षेत्रफल- 2164 वर्ग मीटर किराया-12,500 रुपयेमुलायम सिंह यादव का बंगला 5, विक्रमादित्य मार्ग। 1989, 1993 और 2003 में मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल - 2436 वर्ग मीटर किराया-13,500 रुपयेअखिलेश यादव का बंगला 4 विक्रमादित्य मार्ग। 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल- 1535 वर्गमीटर किराया-13,500 रुपये राजनाथ सिंह का बंगला 

4 कालिदास मार्ग।  सन 2000 में राजनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल -705 वर्ग मीटर किराया-5,320 रुपयेकल्याण सिंह का बंगला2 माल एवेन्यू। 1991 और 1997 में मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल- 1468 वर्गमीटर किराया-12,500 रुपयेएनडी तिवारी का बंगला  माल एवेन्यू- 1976, 1984, 1988 में मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल 1046 वर्ग मीटर किराया-7,550 रुपयेक्या कहते हैं अफसरसुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति अभी राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई है। आदेश मिलने के बाद उसका अध्ययन कर कदम आगे बढ़ाए जाएंगे। -योगेश कुमार शुक्ल, राज्य संपत्ति अधिकारीएलर्ट जारी: भारत के इन राज्यों में तूफान का खतरा 11 मई तक, त्रिपुरा में ढहे 1800 से अधिक घरसुप्रीम कोर्ट का आदेश, अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने पड़ेंगे सरकारी बंगले

Posted By: Shweta Mishra