-चार विदेशी बंदियों की कलाई पर नहीं बंधी राखी

-उत्कृष्ट कार्य के लिए दो जेल कर्मचारियों का सम्मान

GORAKHPUR: जेल प्रशासन की पहल पर छह बंदियों की रिहाई स्वतंत्रता दिवस पर हुई। सजा पूरी कर बंदी अर्थदंड का कारावास भुगत रहे थे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ। रामधनी ने सभी का जुर्माना जमा कराकर रिहाई कराई। उधर, रक्षाबंधन पर जेल में बहनों का तांता लगा रहा। गुरुवार को राखी बांधकर बहनों ने भाइयों से अपराध छोड़ने का संकल्प लिया। चार विदेशी बंदियों की कलाई सूनी रह गई। जर्मनी और नाइजीरिया के चार कैदियों के चेहरे पर मायूसी छाई रही। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि जुर्माना जमा कराकर बंदियों की रिहाई कराई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डिप्टी जेलर भोलानाथ भारती और हेड वार्डेन गौरीशंकर चौबे को सम्मानित किया।

पहली बार हत्यारोपी अर्चना ने भाई को बांधी राखी

मंडलीय कारागार में जर्मनी के मैनफ्रेंड और ऑनलाइन ठगी के आरोप में तीन नाइजीरियन बंद हैं। हिंदी और भोजपुरी सीख चुके चारों बंदी मायूस रहे। रक्षाबंधन पर गुरुवार सुबह से ही राखी बांधने के लिए बहने पहुंच गई थीं। करीब दो हजार महिलाओं ने अपने भाइयों को राखी बांधी। जेल प्रशासन की तरफ से लड्डू खिलाया गया। इस दौरान पति और बेटे के मर्डर के आरोप में बंद अर्चना से मिलने उसके भाई आशुतोष अपने मां-बाप संग पहुंचे। तीन साल बाद अर्चना ने अपने भाई को राखी बांधी। 20 जनवरी 2016 को शाहपुर, अशोक नगर में नेत्र परीक्षक ओम प्रकाश यादव और उनके चार साल के बेटे शिवा की हत्या कर दी गई थी। इस आरोप में अेाम प्रकाश की पत्‍‌नी अर्चना और उसके प्रेमी शिकोहाबाद के अजय यादव को अरेस्ट किया। तभी से वह जेल में बंद है। घटना के बाद उससे मिलने कोई नहीं आ रहा था। पहली बार उसके घर वाले जेल में मुलाकात करने पहुंचे।

महिला बंदी सहित छह की हुई रिहाई

स्वतंत्रता दिवस पर मंडलीय कारागार में बंद छह बंदियों की रिहाई हुई। सभी बंदी अपनी सजा पूरी कर चुके थे। लेकिन अर्थदंड जमा कराने के अभाव में वह अतिरिक्त कारावास भुगत रहे थे। कुशीनगर की रानी वर्मा रेप के आरोप में 10 साल की कैद और 16 हजार रुपए का जुर्माना का दंड भुगत रही थी। दमा की पेशेंट होने से उसकी हालत खराब हो जाती थी। इसलिए जेल प्रशासन ने उसका अर्थदंड जमा कराने का प्रबंध किया। कुशीनगर की रानी के अलावा देवरिया के गौरीबाजार के योगेंद्र गुप्ता, बेलीपार के फरेंद्र, देवरिया के मदनपुर के अभिषेक सिंह, तिवारीपुर के गुलाम मुस्तफा, गोंडा के दिनेश तिवारी और तिवारीपुर के आशीष पासवान की रिहाई के लिए जुर्माना भरवाया गया। दिनेश तिवारी के कागजात अधूरे होने से रिहाई संभव नहीं हो सकी। उधर स्वतंत्रता दिवस पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने तिरंगा फहराया। बंदियों ने कल्चरल प्रोग्राम पेश किए। इस मौके पर बंदियों के लिए पूड़ी, सब्जी, खीर बनाया गया था।

Posted By: Inextlive